प्रमुख समाचार पढ़ो एक बार में दिन भर के प्रमुख समाचार को समाहित किया जाता है अर्थात एक पोस्ट में ही दिन भर के प्रमुख समाचारों का अवलोकन करना सरल हो जाता है। कई समाचार ऐसे भी होते हैं जिनकी कड़ियाँ एक-दूसरे से जुड़ी होती है जिसे समझना यहां सरल हो जाता है।
News Most One Post : प्रमुख समाचार पढो एक बार – 1/07/2024
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गृहमंत्री ने संसद में संसदीय मर्यादा के अनुरूप माफी मांगने की बात किया
गृहमंत्री ने संसद में संसदीय मर्यादा के अनुरूप माफी मांगने की बात किया, लेकिन इस हिन्दू द्रोही को दण्डित किया जाना चाहिये। हिन्दुओं को अपमानित, कलंकित करने की ये भूल नहीं करता है, जानबूझकर करता है। इसके रग-रग में हिन्दूद्रोह है। कोई एक बार गलती से गलती करे तो माफी की बात होती है न ? बार-बार गलती करे तो वह गलती भी दण्डित करने के योग्य होता है।
#WATCH लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "विपक्ष के नेता ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं, वो हिंसा की बात करते हैं और हिंसा करते हैं। शायद वे नहीं जानते कि इस देश में करोड़ों लोग गर्व से खुद को… pic.twitter.com/FmXF7rYCXj
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 1, 2024
समझ में आया कि नहीं विपक्ष चर्चा क्यों नहीं करना चाहता था
राहुल गांधी की दिमागी हालत विपक्ष को भी पता है और ये भी जानते हैं कि कोई दवाई नहीं जो ठीक कर सके। हिन्दू के प्रति इनके मन में इतनी घृणा भर दी गयी है जो मिटाया नहीं जा सकता। यही कारण है कि जब कभी भी खुलकर बोलेंगे तो हिन्दू का अपमान ही करेंगे। अरे राहुल यदि हिन्दू हिंसक होता तो जो बातें तुमने बोली है वह सोचकर भी पैंट गीली हो जाती। जो हिंसक है उसके विरुद्ध दो लाइन बोलकर देखो जुदा …जुदा …. जुदा
असभ्य राहुल जिसका दादा ही हिन्दू नहीं था उसका कहना है “जो लोग अपने आप को हिन्दू कहते हैं वो 24 घंटा हिंसा हिंसा हिंसा, नफरत नफरत नफरत, असभ्य असभ्य असभ्य, आप हिन्दू हो ही नहीं” — राहुल के वक्तव्य की जितनी भी निंदा की जाये कम है, इसे कान पकड़ कर संसद से बाहर फेंकना चाहिये।
पागलों के साथ जो किया जाता है वही इसके साथ किया जाना चाहिये। जिसके स्वयं के मन में हिन्दू के प्रति घृणा, नफरत भरी है वो कहेगा कि हिन्दू नफरत करते हैं, जो स्वयं असभ्य वंश का वारिस है वो हिन्दुओं को असभ्य कहेगा ? जिसके पूर्वजों का इतिहास हिन्दुओं के खून से लिखा हुआ है वो हिन्दुओं को अहिंसा सिखायेगा ?
ये है मीसा भारती, लालू की सुपत्री जिसे कहा जाता है कि बहुत पढ़ी-लिखी है डॉक्टर है
ये है मीसा भारती, लालू की सुपत्री जिसे कहा जाता है कि बहुत पढ़ी-लिखी है डॉक्टर है, लेकिन इसे इतना भी समझ में नहीं कि राहुल ने सभी धर्मों के लिये क्या कहा और हिन्दू के लिये क्या कहा ! मीसा भारती राहुल ने सभी धर्मों के बारे में कहा डरो मत डराओ मत, अभयमुद्रा सिखाया। लेकिन बात जब हिन्दू की आई तो कहा “जो लोग अपने आप को हिन्दू कहते हैं वो 24 घंटा हिंसा हिंसा हिंसा, नफरत नफरत नफरत, असभ्य असभ्य असभ्य, आप हिन्दू हो ही नहीं”
विपक्ष को क्या मस्त पंजाब दिखेगा या नशे का शिकार
पंजाब नशे में डूबता दिख रहा है लेकिन क्या विपक्ष को ये दिखेगा या मस्त पंजाब दिखेगा ? पहले कहा जाता था सूर्य अस्त पंजाबी मस्त अब बनता जा रहा है सूर्य गस्त पंजाबी मस्त। पंजाब की युवा भयंकर रूप से नशे में डूबती जा रही है क्या ये महत्वपूर्ण नहीं है केवल NEET ही है। विपक्ष को पंजाब की समस्यायें क्यों नहीं दिख रही है ?
वर्षा में पानी से समस्या सामान्य बात है लेकिन लोग मूर्खता क्यों करते हैं
वर्षा में पानी से समस्या होना सामान्य बात है, झरने उफान पर होती है, सुखी नदियों में भी बाढ़ आती है, जिन नदियों में सब दिन पानी रहता है उसमें विनाशकारी उफान भी आता है। ये सुनिश्चित होता है और इसी कारण सनातन में धार्मिक नियम से दो महीने के लिये नदियों से दूर रहने का विधान बताया गया है। सावन-भादो दो महीने के लिये नदियां रजस्वला होती है और अशुद्ध मानी जाती है। प्रश्न ये है कि लोग मूर्खता क्यों करते हैं, क्या इसका कारण अज्ञानता नहीं है। कहीं लोग झड़ने में बह जाते हैं तो कहीं सुखी नदियों में।
संवेदना हों ये अलग बात है लेकिन ये समझना और समझाना आवश्यक नहीं है कि पिकनिक के बहाने ये लोग झड़ने में इस समय गये क्यों थे ? ये चर्चा होनी चाहिये लेकिन इस प्रकार की चर्चा को असंवेदनशील बता दिया जायेगा, निंदा की जायेगी। लोगों की जागरूकता के लिये ये आवश्यक है कि गलतियों को गलत कहा जाय और गलतियां न करने के लिये प्रेरित किया जाय।
ख़ौफ़नाक।
— Sagar Kumar “Sudarshan News” (@KumaarSaagar) June 30, 2024
महाराष्ट्र के लोनावाला में पिकनिक मनाने गया पूरा परिवार पानी के तेज बहाव में बह गया।
हर साल इस तरह की तस्वीरें आती है,उसके बाद भी हम सीख क्यों नहीं लेते। pic.twitter.com/8zMcnQDXoO
दिल्ली में कांग्रेस और AAP क्यों है आमने-सामने
दिल्ली में कांग्रेस और AAP आमने-सामने दिख रही है, लोकसभा चुनाव में तो AAP इंडि गठबंधन की सहयोगी थी किन्तु राज्य में अच्छी स्थिति होने के कारण दोनों अलग-अलग है। राज्य में चूंकि गठबंधन नहीं है इसलिये परस्पर तनातनी देखी जा रही है। वास्तव में कांग्रेस दिल्ली में भी गठबंधन चाहती है और AAP नहीं चाहती ये पहले स्पष्ट है। चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस ने भांप लिया कि दिल्ली की जनता AAP के विरुद्ध है और अब कांग्रेस स्वयं गठबंधन नहीं चाहती अपितु मतदाताओं को भाजपा में जाने से बचाने और अपनी ओर मोड़ने के लिये ऐसा कर रही है। आगे संभव है कि AAP इंडि गठबंधन से अलग भी हो जाये, या कर दिया जाय।
मथुरा में एक पानी का टंकी गिरने से 2 लोगों की मृत्यु और 13 घायल
उत्तर प्रदेश के मथुरा में एक बड़ी दुर्घटना हो गयी। मथुरा में पानी की टंकी गिरने से 2 लोगों की मृत्यु और 13 घायल बताये जा रहे हैं। घटना के बाद रात भर बचाव अभियान चला।
मध्यप्रदेश के रतलाम में दो पक्षों की बीच लट्ठबाजी
मध्यप्रदेश के रतलाम में दो पक्षों की बीच भारी लट्ठबाजी हुयी जिसमें 15 से अधिक लोगों के घायल होने की बात भी सुनी जा रही है। घटना का कारण भूमि विवाद बताया जा रहा है। शांति-व्यवस्था बनाये रखने के लिये घटना स्थल पर भारी सुरक्षाबल लगायी गई।
आज से देश में 3 नयी विधि प्रभावी हुआ
आज से देश में 3 नयी विधि प्रभावी हो गया है। ये तीन विधि हैं : 1 – भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2 – भारतीय न्याय संहिता और 3 – भारतीय साक्ष्य अधिनियम। आज से औपनिवेशिक विधान समाप्त हो गये और भारतीय विधान प्रभाव में आ गये। नये विधि के प्रभावी होने के बाद पहला कांड जो पंजीकृत हुआ है वह दिल्ली के कमला मार्केट थाने का है।
बुर्का, नकाब, पट्टा सब प्रतिबंधित
कर्नाटक की तरह ही महाराष्ट्र में भी दो विद्यालयों में परिधान संबंधी नियम बनाया था जिसे बुर्का, हिजाब, नकाब आदि पहनने वालों ने पुनः चुनौती दिया। विद्यालय पीछे नहीं हटा तो बॉम्बे उच्च न्यायालय भी गये और इसी प्रकरण में बॉम्बे उच्च न्यायालय ने दो विद्यालयों के परिधान नियम को संरक्षित किया और बुर्का, हिजाब, नकाब, टोपी, पट्टा आदि सभी को गलत बताया। सार मात्र इतना है कि किसी भी विद्यालय या संस्था को परिधान नियम बनाने का अधिकार होता है। उस अधिकार का प्रयोग किया जा सकता है, और यदि कोई संस्थान परिधान नियम बनाती है तो उसे धार्मिक आधार से गलत नहीं कहा जा सकता। विरोध करने वाले लोगों को अन्य किसी जगह ऐसा नहीं दिखता मात्र स्कूलों में बच्चियों के लिये धर्म दिखता है।
हरिद्वार में SDRF ने भारी बारिश के बाद बाढ़ में बह गए वाहनों को बाहर निकाला
हरिद्वार के पास सुखी नदी में अचानक पानी आने से जो कई वाहन वह गये थे उसे निकालने में SDRF की दल जुटी हुयी थी। भारी के होते हुये भी SDRF ने वह गये वाहन को निकालने में सफलता प्राप्त किया।
क्या विपक्ष जनता का सम्मान करेगा ?
यह एक गंभीर प्रश्न है और ऐसा प्रतीत नहीं होता कि विपक्ष जनता के प्रति कोई उत्तरदायित्व निभाना चाहता है। विपक्ष को लगता है कि वो कुछ विशेष तत्वों के प्रतिनिधि हैं और उन तत्वों की प्रसन्नता हंगामे, उपद्रव में ही होती है। जनता और देशहित के लिये भले ही विपक्ष को सकरात्मक भूमिका निभाने की आवश्यकता होती हो किन्तु चूंकि विपक्ष स्वयं को कुछ विशेष तत्वों का प्रतिनिधि मानती है इसलिये आक्रामक भूमिका निर्वहन के लिये ही प्रेरित होती है। समाचारों में अनुमान लगाया जा रहा है कि संसद में विपक्ष को चर्चा होने देना नहीं चाहती और NEET के विषय पर संसद के भीतर और बाहर हंगामा, प्रदर्शन कर सकती है।
मंहगाई की चोट को कम करने के लिये LPG सिलेंडर के दाम घटाये गये
आज 1 जुलाई 2024 से से LPG कमर्शियल सिलेंडर के मूल्य में लगभग 30 रुपए की कटौती को प्रभावी किया गया है। इसे मंहगाई कम करने की दिशा में एक लघुप्रयास के रूप में देखा जा रहा है। मंहगाई एक स्थायी विषय है जिसे कभी रोका नहीं जा सकता, दिनों दिन बढ़ते ही रहेगा। लेकिन अनुपातिक रूप से आंकड़ों में मंहगाई का आकलन किया जा सकता है कि विगत वर्ष, पांच वर्ष, दशक आदि में क्या दर था और वर्त्तमान में क्या दर है। यदि विगत की तुलना में कम है तो प्रसन्नता व्यक्त कर सकते हैं, यदि विगत की तुलना में अधिक है तो मंहगाई का रोना रो सकते हैं। मीडिया में हमेशा मंहगाई का रोना ही रोते देखा जाता है कभी सही विधि से नहीं बताया जाता कि हंसे या रोयें।