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बुझते दिये की तरह भभकते केजरीवाल – लुटिया डूबी

बुझते दिये की तरह भभकते केजरीवाल

बुझते दिये की तरह भभकते केजरीवाल

देश ने दिल्ली की राजनीति में एक दशक से जिस प्रकार का परिवर्तन देखा उससे आहत हैं। दिल्ली कोई राज्य नहीं केन्द्र शासित प्रदेश है और देश की राजधानी है। देश की राजधानी में तो अलग से चुनाव होने ही नहीं चाहिये, पूर्णतः केन्द्र के अधीन होना चाहिये क्योंकि देश की राजधानी है।

बुझते दिये की तरह भभकते केजरीवाल – लुटिया डूबी

लगातार दस वर्षों से दिल्ली में काम कम और नौटंकी अधिक देखा जा रहा है। ये बात अलग है कि अपने प्रत्येक कार्य को केजरीवाल वर्ल्डक्लास का बताते हैं, और सभी वर्ल्डक्लास की पोल स्वयं ही खोल देते हैं जैसे वर्ल्डक्लास अस्पताल होते हुये भी सभी मंत्रियों को अपनी चिकित्सा कराने के लिये या तो अन्य राज्यों में जाना परता है या विदेश। लेकिन ढिंढोरा पीटने में कोई कमी नहीं रखते और बार-बार यही कहते हैं कि हमारे वर्ल्डक्लास कामों से भाजपा जलती है।

लेकिन लगभग एक-दो वर्ष से केजरीवाल और सहयोगियों की उल्टी गिनती चल रही है, विशेष कर शराब घोटाला की घटना के बाद से। धीरे-धीरे मंत्रियों के कारावासी होने का जो आरम्भ हुआ उसका कहीं अंत ही नहीं दिख रहा है। केजरीवाल स्वयं भी कारावासी ही हैं, चुनाव प्रचार के लिये सर्वोच्च न्यायालय की कृपा से बाहर दिख रहे हैं।

स्वाती मालीवाल प्रकरण

बीते दिनों स्वाती मालीवाल के साथ CM आवास में होने वाला दुर्व्यवहार केजरीवाल पर भारी पर रहा है। इस प्रकरण में लखनऊ के पत्रकारों ने उन्हें कांपते हुये भी देखा था और देश को दिखाया था। केजरीवाल व इनके सहयोगी किसी प्रश्न का उत्तर देना नहीं जानते बस लोगों पर आरोप लगाना, लोगों से प्रश्न करना जानते हैं। स्वाती मालीवाल को भी केजरीवाल के सभी दांव ज्ञात थे सो स्वाती मालीवाल प्रकरण केजरीवाल पर भारी पर रहा है।

“इस पूरे मामले की जानकारी स्वाति मालिवाल ने पुलिस को दी, अरविंद केजरीवाल ने पूरी घटना को संज्ञान में लिया है और सख्त कार्रवाई करने को कहा है, वह पार्टी की पुरानी और वरिष्ठ नेता में से एक हैं, हम सब उनके साथ हैं” : संजय सिंह

ऊपर स्वाती मालीवाल प्रकरण का प्रथम भाग है, जिसमें स्वाती मालीवाल का आरोप आम आदमी द्वारा सत्यापित किया जाता है क्योंकि संजय सिंह ने पार्टी का वक्तव्य दिया था व्यक्तिगत वक्तव्य नहीं। लेकिन APP के तरफ से संजय सिंह का वो वक्तव्य स्वाती मालीवाल से मिलने के बाद अर्थात घटना के दो दिन बाद आया था। संभवतः स्वाती मालीवाल ने समझौते के लिये पार्टी की ओर से विभव कुमार के दुर्व्यवहार को स्वीकार करने और कार्यवाही करने की शर्त रखी गयी हो।

बुझते दिये की तरह भभकते केजरीवाल

किन्तु दूसरे भाग में स्थिति पूरी तरह पलट जाती है, विभव कुमार को केजरीवाल के साथ देखा जाता है, संभवतः स्वाती मालीवाल को ये समझाने का प्रयास था कि विभव कुमार के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं होगी। लेकिन आपसी समझौते का प्रयास चल रहा था, परंतु पुलिस को PCR कॉल पर कोई शिकायत करना हंसी-खेल नहीं होता और इस तथ्य को आम आदमी पार्टी ने भाजपा की राजनीति कहा। समझौते का प्रयास चल रहा था इसकी पुष्टि इस तथ्य से भी होती है कि स्वाती मालीवाल ने भी भाजपा को राजनीति नहीं करने का ट्वीट किया था।

दोनों पक्षों (AAP और स्वाती मालीवाल) का इस विषय एकमत होकर भाजपा की राजनीति का जोड़ना यही सिद्ध करता है कि समझौता लगभग हो गया था।

स्वाती मालीवाल ने जब FIR किया

लेकिन चाहे PCR कॉल के कारण हो अथवा विभव कुमार पर कोई कार्यवाही न होने के संकेत से हो अथवा किसी अन्य कारण से हो स्वाती मालीवाल ने अंततः दिल्ली पुलिस को लिखित शिकायत कर देती है। दिल्ली पुलिस का एक दल कल 16 मई को स्वाति मालीवाल के घर गई थी तब स्वाति मालीवाल ने पुलिस को घटना के संबंध में शिकायत की ।

स्वाती मालीवाल ने जब FIR किया तो AAP नेताओं का रंग बदल गया। सबसे पहले तो एक विडियो क्लिप प्रसारित करके वायरल किया जिस पर स्वाती मालीवाल ने एक्स (ट्वीट) करते हुये केजरीवाल को राजनीतिक हिटमैन तक कहा, यद्यपि प्रथम अर्थ में विभव कुमार का बोध होता है।

अगले दिन से आतिशी विस्फोट करने लगी और कई टुकड़ो में विडियो क्लिप आने लगा, आतिशी बार-बार विभव कुमार का पक्ष लेकर स्वाती मालीवाल को ही दोषी सिद्ध करने का प्रयास करती रही। अन्य AAP नेताओं ने भी यही रुख अपनाया, केजरीवाल मौन रहे और लखनऊ में जब मीडिया ने प्रश्न किया तो कांपते हुये माइक खिसकाते दिखे, वहाँ अखिलेश यादव ने भी निंदनीय वक्तव्य दिया कि और भी महत्वपूर्ण बातें हैं अर्थात इस पर चर्चा करने की आवश्यकता नहीं है।

आम आदमी पार्टी को सही-सही समझने के लिये दोनों विडियो को साथ करके दिखाया गया और ये AAP की सच्चाई बता देती है। महत्वपूर्ण प्रश्न तो ये है कि झूठा कौन – संजय सिंह या आतिशी ? यद्यपि आतिशी बार-बार भाजपा का षड्यंत्र बताती रही, प्रश्न खड़ी करती रही। लेकिन केजरीवाल से स्वाती मालीवाल के विषय में पूछा गया हो या आतिशी से दोनों में से किसी ने कोई उत्तर नहीं दिया।

  • जब केजरीवाल से प्रश्न पूछा गया तो उसने माइक हटा दिया और कांपने लगा।
  • वही आतिशी से पूछा गया तो प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़कर भागती दिखी।

प्रश्न तो कई प्रकार के हैं और सब AAP से ही हैं। AAP उत्तर से बचने के लिये नई-नई नौटंकी कर रही है, नये-नये विडियो क्लिप प्रसारित कर रही है, नये-नये प्रश्न उठा रही है, जबकि सभी प्रश्नों का उत्तर भी AAP को ही देना चाहिये।

प्रश्न : घटना की FIR स्वाती मालीवाल ने पहले दिन क्यों नहीं किया ?
उत्तर : स्वाती मालीवाल भी AAP की ही राज्यसभा सांसद है इसका उत्तर भी AAP को ही देना चाहिये।

विभव कुमार बंदी बनाये गये और तबसे तो AAP में भयंकर उबाल आ गया।

भाजपा और दिल्ली पुलिस कहां से टपकी

फिर इसमें भाजपा कहां से टपक गयी और भाजपा ही नहीं टपकी दिल्ली पुलिस को भी AAP निशाने पर ले रही है, सौरभ भारद्वाज ने कई वक्तव्यों में दिल्ली पुलिस पर ही प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया।

AAP देश का ध्यान मुख्य विषय से भटकाना चाहती है और इसलिये नये-नये प्रलाप करने लगी जिससे मुख्य विषय की चर्चा ही बंद हो जाये। और इस कड़ी में केजरीवाल ने 18 मई को कहा कि कल भाजपा के दिल्ली कार्यालय पर सभी AAP नेता/कार्यकर्त्ता पहुंचेंगे। इसका मुख्य उद्देश्य ध्यान भटकाना ही था और आज 19 मई के दोपहर बाद तक मुख्य विषय चर्चा से बाहर रहा।

Drama हुआ Fail, झाड़ू टूट गयी , Party बिखर गयी , Kejriwal भाग गया : JYOTIRMAY

बुझते दिये की तरह भभकते केजरीवाल ने जब दिल्ली भाजपा कार्यालय पर AAP नेताओं के जुटने की बात किया तो पुलिस ने गंभीरता से लेते हुये सभी आवश्यक प्रयास किया और चूँकि AAP की योजना दिल्ली पुलिस ने विफल कर दिया तो निशाने पर दिल्ली पुलिस आ गयी।

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