Site icon Kya Samachar hai

Real Fact – भारत बदल रहा देखो, निद्रा तोड़ो आँखें खोलो

Real Fact – भारत बदल रहा देखो, निद्रा तोड़ो आँखें खोलो

भारत के विकास गाथा में आपको कई अध्याय देखने-सुनने को मिलेंगे, इस आलेख में बदलते भारत का वो चित्र दिखानें का प्रयास किया गया है जिससे आपके आंखों में जो धूल झोंकी जा रही है वो हट जाएगी ।

बदलते भारत की दो छवि है लेकिन दुनियां आपको एक छवि ही दिखाना चाहती है दूसरी छवि कोई दिखाने वाला नहीं है, एक मात्र राष्ट्रवादी हिन्दुओं के अतिरिक्त और दुर्भाग्य ये है कि इन्हें भारत में भी सांप्रदायिक कहा जाता है। आपको बदलते भारत की जो छवि दुनियां दिखाएगी वो इस प्रकार की होगी :

  • भारत में उत्तम गुणवत्ता की सड़कें बन रही है। 
  • भारत में शिक्षा व्यवस्था में सुधार किया गया है। 
  • वर्त्तमान भारत की स्वास्थ्य सुविधाओं में पर्याप्त सुधार किया गया है। 
  • भारत की रेल इतिहास रच रही है। 
  • भारत विश्व की पांचवी अर्थव्यवस्था बन गया है। 

इसी प्रकार के और भी बहुत सारे तथ्य हैं जो विश्व आपको बदलते भारत की छवि बनाकर दिखायेगा। साथ ही जब आप इन बदलावों की चर्चा करेंगे तो इसे भी अस्वीकार कर दिया जायेगा और पाकिस्तान से भी भूखा देश बता दिया जायेगा। 

बदले भारत की वास्तविक छवि 

बदले भारत की वास्तविक छवि आपको मीडिया सही से समझने नहीं देगी। हाँ चर्चित विषय होने के कारण इस पर थोड़ी बहस कर सकती है किन्तु वास्तविक छवि को देखने में अवरोध ही उत्पन्न करेगी वो इस कारण की ये मीडिया भी विश्व की उन्हीं शक्तियों की अधीनस्थता स्वीकार करते हुये अपनी कमाई का मार्ग ढूंढते हैं। इनकी वास्तविक कमाई उन वैश्विक शक्तियों के अनुकूल विचार स्थापित करने से ही होती है। 

जनसांख्यिकी बदलाव

तात्कालिक चर्चा एक नये आकड़े पर है जो जनसंख्या में हुये परिवर्तन को लेकर सामने आया है, ये आंकड़ा भारत के प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद द्वारा जारी किया गया है : 


आँकड़े के अनुसार विश्व के अधिकांश मुस्लिम बहुसंख्यक देशों में मुस्लिम जनसंख्या में वृद्धि हुई है वहीं हिंदू, ईसाई व अन्य धर्म बहुल देशों में बहुसंख्यक आबादी में कमी आई है। प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद ने विश्व के 167 देशों में 1950 से 2015 के बीच आए जनसांख्यिकी बदलाव का अध्ययन किया है।

भारत में 1950 से 2015 के बीच हिंदुओं की आबादी 7.82% घट गई। वहीं इसी बीच मुसलमानों की आबादी में 43.15% बढ़ोतरी दर्ज की गई।

1950 से 2015 के बीच बहुसंख्यक हिंदू आबादी की हिस्सेदारी में 7.82 प्रतिशत की कमी आई है जो 1950 में 84.68 प्रतिशत थी से घटकर 2015 में 78.06 प्रतिशत रह गई।

1950 में मुस्लिम जनसंख्या 9.84 प्रतिशत थी और 2015 में बढ़कर यह 14.09 प्रतिशत हो गई जो संबंधित अवधि में 43.15 प्रतिशत बढ़ी है। यही मुख्य विषय है जो वर्त्तमान में चर्चा का विषय बना है। 

मीडिया शक के घेरे में क्यों : ये विषय भारत में आज चर्चा का विषय बना है, आज से पहले क्यों चर्चा नहीं किया गया था ? आज भी शंका क्यों करें अब तो चर्चा रही है न। आज भी चर्चा करने का कारण ये है कि ये विषय चर्चित हो गया है। तथापि यदि कुछ मीडिया को छोड़ दिया जाय तो शेष लीपापोती कर देंगे। 

भारत में क्या बदला है 

उक्त आंकड़ों से भारत में क्या बदला है ये सरलता से समझा जा सकता है। लेकिन एक गंभीर प्रश्न ये भी है कि सभी विपक्षी दल इस विषय का विरोध क्यों कर रहे हैं, इस पर चर्चा क्यों नहीं करना चाहते हैं ? आंकड़े के अनुसार भारत में जो जनसांख्यिकी बदलाव देखे जा रहे हैं वो चिंताजनक है और कई तथ्यों को असिद्ध करने वाला है, जैसे :

  • बार-बार वैश्विक रूप से यह विषय उठाया जाता है कि भारत में मुसलमान खतड़े में है, यदि मुसलमान खतड़े में है तो जनसंख्या में इतनी वृद्धि कैसे हुई?
  • ये भी कहा जाता है कि जनसंख्या जिहाद नामक कुछ भी नहीं है, आँकड़े इसको पुष्ट करते हैं। 

ये विश्व की ऐसी सच्चाई है जिसे किसी प्रकार से अस्वीकार नहीं किया जा सकता है, लगभग 1500 वर्ष पूर्व विश्व में कोई इस्लामिक स्टेट नहीं था और प्राप्त जानकारी के अनुसार आज विश्व में कुल 57 इस्लामिक स्टेट हैं। ऐसा किस प्रकार हुआ, क्या इसके पीछे जनसंख्या जिहाद का हाथ नहीं सिद्ध होता है ? ये वो आंकड़ा है जो जनसंख्या जिहाद की पुष्टि करता है। 

भारत में ऐसा क्या हुआ था कि भारत से भी कई इस्लामिक स्टेट बने हैं ? क्या इस तथ्य को असिद्ध किया जा सकता है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश जो आज इस्लामिक राष्ट्र है पहले वह भारत का भाग था और उसमें एक 1500 वर्ष पहले एक भी मुसलमान नहीं था। 

आंकड़े से संकेत 

आँकड़े से ये संकेत मिलता है कि भारत में यदि जनसांख्यिकी बदलाव इसी प्रकार होते रहे तो वर्तमान भारत को भी इस्लामिक स्टेट बनने में अधिक दिन नहीं लगने वाला है। इसके लिये वर्त्तमान में बेल्जियम को देखना समझना आवश्यक है।  

  • आँकड़े ये सिद्ध करते हैं कि भविष्य में भारत भी इस्लामिक राष्ट्र बन सकता है। 
  • आँकड़े ये सिद्ध करते हैं की भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने का प्रयास किया जा रहा है और इसी के लिये जनसंख्या जिहाद की अवधारणा का जन्म होता है। 
  • जनसंख्या जिहाद में मात्र अधिक बच्चे को जन्म देना ही नहीं आता है, इसमें लव-जिहाद और मतान्तरण का भी योगदान है, साथ ही साथ घुसपैठ का भी प्रभाव है। 

वर्त्तमान भारत में भी जम्मू-कश्मीर की वो दुर्घटना जब हिन्दुओं पर अत्याचार किया गया था, उन्हें भगा दिया गया इस तथ्य की पुष्टि करता है। 

Nitin shukla live : इस विषय को अधिक गहराई से समझने के लिये हमें नितिन शुक्ला के विडियो को देखने की आवश्यकता प्रतीत होती है। यदि आप नितिन शुक्ला की विडियो देखना चाहते हैं तो नीचे विडियो दिया गया है :


जब एक मोबाइल से लाइव करने वाला Nitin shukla live 2018  में इतनी बात कर रहा था तो मीडिया की आंखें तब तक बंद क्यों रही जब तक कि EAC-PM द्वारा आँकड़ा प्रस्तुत नहीं किया गया। क्या लाभ ऐसी 500 कड़ोर वाली मीडिया का जो देश को सच बताये ही न। यदि सही समय पर सत्य न बताया जाय तो वो भी पाप होता है जो मीडिया ने किया है।  

अन्य महत्वपूर्ण आलेख 

धड़े पड़े हैं ढेरों काम, कर नहीं सकते मतदान – Loksabha Election 2024

घर के रहे न घाट के, केजरीवाल “आप” के – Kejriwal Interim Bail

Lok Sabha Election 2024 : इंडी गठबंधन का एक एजेंडा, उन्माद फैलाओ मचाओ दंगा

Election Topic : पांच बड़े चुनावी मुद्दे, लोकसभा चुनाव 2024

28.704059277.1024902
Exit mobile version