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News Most One Post : प्रमुख समाचार पढो एक बार – 25/06/2024

प्रमुख समाचार

प्रमुख समाचार पढ़ो एक बार

प्रमुख समाचार पढ़ो एक बार में दिन भर के प्रमुख समाचार को समाहित किया जाता है अर्थात एक पोस्ट में ही दिन भर के प्रमुख समाचारों का अवलोकन करना सरल हो जाता है। कई समाचार ऐसे भी होते हैं जिनकी कड़ियाँ एक-दूसरे से जुड़ी होती है जिसे समझना यहां सरल हो जाता है।

News Most One Post : प्रमुख समाचार पढो एक बार – 25/06/2024

पेपर लीक रोकने वाले कानून को अध्यादेश के रूप में लायेगी UP सरकार

पेपर लीक रोकने के लिये उत्तरप्रदेश सरकार एक कड़ा कानून बना रही है जिसमें दोषियों के लिये कठोर दण्ड का प्रावधान किया जा रहा है। इसके संबंध में नयी सूचना यह है कि UP सरकार शीघ्रता में है और विधानसभा सत्र तक प्रतीक्षा नहीं करने वाली है इसे अध्यादेश के रूप में लाया जायेगा जिसे आगामी विधानसभा सत्र में पास करने का प्रयास किया जायेगा।

दुःख अभी कम नहीं होंगे, केजरीवाल जेल में रहेंगे

आज दिल्ली उच्च न्यायालय ने ED की उस याचिका को स्वीकार कर लिया जिसमें राउस एवेन्यू कोर्ट से केजरीवाल को बेल मिलने का विरोध किया गया था। शुक्रवार को याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय विचार करेगी या नहीं यही निर्णय सुरक्षित रखा गया था। उच्च न्यायालय ED का पक्ष नहीं सुने इसके लिये केजरीवाल सर्वोच्च न्यायालय भी गये थे जहां कहा गया कि उच्च न्यायालय को प्रभावित करने का प्रयास नहीं करना चाहिये। लगता नहीं है कि दुःख अभी कम होंगे, केजरीवाल जेल में ही रहेंगे।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा, “इस न्यायालय का मानना ​​है कि ट्रायल कोर्ट ने अपना विवेक नहीं लगाया है और सामग्री पर विचार नहीं किया है।”

जय फिलिस्तीन कहकर ओवैसी ने क्या बता रहे हैं

AIMIM अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने 18वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में शपथ ली; अपनी शपथ का समापन “जय भीम, जय मीम, जय तेलंगाना, जय फिलिस्तीन” शब्दों के साथ किया। ओवैसी ने किस वफादारी की शपथ ली ? वो वफादारी कौन सी है जो फिलिस्तीन की जय करने के लिये उकसाता है ? क्या इस्लाम की वफादारी को ही देश की वफादारी माना जा सकता है।

लोकसभा अध्यक्ष के लिये सर्वसम्मति क्यों होनी चाहिये

लोकसभा का अध्यक्ष हर स्थिति में सत्ता पक्ष द्वारा प्रस्तावित सांसद ही बनेंगे यह कटुसत्य है, किन्तु सर्वसम्मति क्यों ? सर्वसम्मति की अपेक्षा इस लिये होती है कि लोकसभा अध्यक्ष पदासीन होने के बाद उनके मन में ये भाव नहीं आये कि वो सत्ता पक्ष के हैं, विपक्ष के नहीं, विपक्ष ने विरोध किया था। विपक्ष का लोकसभा अध्यक्ष नहीं बन सकता और सत्ता पक्ष जिसे बनाना चाहती है वो विपक्ष के प्रति भी संवेदना रखें, अपनत्व रखें इसलिये विपक्ष विरोध में प्रत्याशी नहीं खड़ा करता है। सर्वसम्मति का तात्पर्य विपक्ष का अपना स्वार्थ होता है, न कि सत्तापक्ष की बाध्यता।

लोकसभा अध्यक्ष पद पर आम सहमति नहीं होना मीडिया के लिये विपक्ष का आक्रामक रुख रहने का संकेत है। लेकिन ये आक्रामक रुख का नहीं लोकसभा अध्यक्ष को पक्षपाती सिद्ध करने का प्रथम चरण है। अब आगे अनेकों तथ्य प्रस्तुत करते हुये विपक्ष लोकसभा अध्यक्ष पर भी पक्षपात करने का आरोप लगाता रहेगा और बहाना यह होगा कि हमने अपना प्रत्याशी खड़ा किया था इसलिये बदले की भावना से काम कर रहे हैं।

लोकसभा अध्यक्ष पद के लिये चुनाव होगा लेकिन ये पहली बार नहीं, दो बार पहले भी हो चुके हैं

अठारहवीं लोकसभा में एक ऐतिहासिक प्रकरण यह भी होगा कि लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव निर्विरोध अर्थात सर्वसम्मति से नहीं होगा। अब लोकसभा अध्यक्ष के लिये विपक्ष ने भी अपना प्रत्याशी के. सुरेश को उतारा है जिसके कारण अब चुनाव किया जायेगा। सत्ता पक्ष ने पहले दो बार रहे ओम बिरला को लोकसभा अध्यक्ष पद के लिये अपना प्रत्याशी बनाया है। ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है, पहले भी दो बार चुनाव हो चुका है, यह तीसरी बार होगा।

देश में आपातकाल लगने के 50 वर्ष पूरे हुये, 50 वर्ष पहले ….

50 वर्ष पहले आज के दिन 25 जून को देश में आपातकाल लगाया गया था और संविधानिक मर्यादा को ताड़-ताड़ किया गया था। अचंभित करने वाला तथ्य ये है कि जिस कांग्रेस ने संविधान की अवज्ञा किया था आज वही कांग्रेस संविधान संविधान चिल्ला रही है।

संविधान की रक्षा कौन करेगा

दिल्ली की जनता पानी के लिये इन्द्रदेव के भरोसे, सरकार कुछ नहीं करेगी

दिल्ली सरकार ने दिल्ली की जनता को पानी के लिये पूरी तरह से इन्द्रदेव के भरोसे छोड़ दिया है और इसी कारण पहले तो हरियाणा-हरियाणा, फिर सर्वोच्च न्यायालय जाना, फिर सत्याग्रह करना और अब अस्पताल में भर्ती होना; सब कुछ हुआ किन्तु जो काम सरकार को करने चाहिये थे वो काम नहीं हुये। अब जबकी जलमंत्री अस्पताल में भर्ती हो गयी तो लोग बोलें भी तो क्या बोलें, करें तो क्या करें ?

संजीव मुखिया के बंदीकरण पर रोक

नीट पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी संजीव मुखिया जो उस की गिरफ्तारी पर रोक लगीं है पुलिस या CBI उसे पकड़ नहीं सकती, यह आदेश पटना की ADG कोर्ट का है। ये कैसी बिडम्बना है जिस मामले ने पूरे देश में हाहाकार मचा है उस के मुख्य आरोपी की गिरफ्तार नहीं हो रही है। ये कैसा कानून है कि एक ओर तो देश भर में पेपर लीक को लेकर हंगामा हो रहा है और दूसरी ओर जो आरोपी है उसे पकड़ने पर रोक लगा दी जाती है। सोशल मीडिया पर इस रोक के लिये इस प्रकार के आक्रोश देखने को मिल रहे हैं। सोचना होगा कि ये रिश्ता क्या कहलाता है ?

दिल्ली में आग लगाने से 4 लोगों की मृत्यु

आगजनी की घटनायें रुकने का नाम नहीं ले रही है, यदि रुकती है तो पत्रकारों की कलम। दिल्ली के प्रेम नगर इलाके में एक घर में आग लगने से 4 लोगों की मौत हो गई। अग्निशमन दल ने आग पर नियंत्रण तो पा लिया लेकिन धुंये के कारण चार लोगों की स्थिति खराब हो गयी थी जिसे अस्पताल में भर्ती किया गया किन्तु चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। इस वर्ष होने वाले अग्निकांड सामान्य हैं यह विश्वास करना कठिन हो गया है।

एसएससी संयुक्त स्नातक स्तरीय CGL परीक्षा 2024 के लिये आवेदन आरंभ

कर्मचारी चयन आयोग (SSC) ने संयुक्त स्नातक स्तरीय CGL परीक्षा, 2024 CPO SI अधिसूचना 2024 जारी कर दी है। जो अभ्यर्थी इस SSC संयुक्त स्नातक स्तरीय CGL 2024 में रुचि रखते हैं, वे दिनांक 24/06/2024 से 24/07/2024 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। भर्ती पात्रता, पद सूचना, चयन प्रक्रिया, वेतनमान और अन्य सभी जानकारी के लिए अधिसूचना पढ़ें।

SSC संयुक्त स्नातक स्तरीय CGL परीक्षा 2024 के लिये ऑनलाइन आवेदन आरंभ

अखिलेश यादव ने कहा भाजपा जानबूझकर पेपर लीक कराती है

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व सांसद अखिलेश यादव ने कहा, “यह भाजपा का पुराना तरीका है अगर आप इतिहास देखें तो भाजपा की सरकारों में पेपरलीक हुए हैं।” लेकिन प्रश्न यह है कि यदि विपक्षी दलों को यह ज्ञात है कि भाजपा उन्हें फंसाती है तो वो फंसते क्यों हैं। यही बात पहले दिन से कहते, जब पेपर लीक रोकने का कठोर कानून प्रभावी हो गया; जांच आरंभ हो गई तो अब क्या ? आप अब प्रश्न कर रहे हैं इससे तो लगता है जैसे चोर की दाढ़ी में तिनका।

कब है विघ्नराज गणेश चतुर्थी व्रत

विघ्नराज गणेश चतुर्थी व्रत कल 25 जून मंगलवार को है। इसे श्रीकृष्ण पिङ्गल चतुर्थी भी कहा जाता है। कल सूर्योदय पूर्व से ही चतुर्थी तिथि आरंभ है जो रात्रि 11:10 बजे तक रहेगी।

ऐतिहासिक और गौरवमयी दिन है क्योंकि पहली बार देश के सांसद अपनी नई संसद में शपथ ले रहे हैं

24 जून 2024, सोमवार का दिन देश के लिये ऐतिहासिक और गौरवमयी है क्योंकि आज पहली बार देश की नई संसद में शपथ ग्रहण समारोह हुआ। प्रधानमंत्री मोदी ने गौरवमयी के साथ वैभव का दिन भी बताया। यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न भी है जो विभिन्न परीक्षाओं में पूछा जा सकता है।

प्रधानमंत्री ने विपक्ष के कुतर्क का किया खंडन कहा सार्थक चर्चा मांगता है देश

आज संसद सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारी सरकार तीसरी बार बनी है और हम इस बार पहले की तुलना में 3 गुना अधिक काम करेंगे। इसके साथ ही विपक्षी विश्लेषक और कई नेता भी यह हमेशा कहते रहे हैं कि मोदी को सरकार चलाने का अनुभव नहीं है आज मोदी ने स्वयं खंडन कर दिया और बताया कि हम दो बार देश की सरकार चला चुके हैं और अब हमारे पास दो बार सरकार चलाने का अनुभव है।

संविधान संविधान संविधान, सीखोगे कब करना काम

संविधान संविधान संविधान ये राग मात्र लोकसभा चुनाव में ही नहीं लगा पहले से भी लगाया जा रहा था और आज भी लगाया जा रहा है भले ही अठारहवीं लोकसभा का प्रथम सत्र भी आरंभ हो चुका है। प्रश्न ये है कि विपक्ष कब तक चिल्लाता रहेगा संविधान संविधान संविधान, देश तो पूछ रहा है कि सीखोगे कब करना काम ? मोदी को देश की सरकार चलाने का भले ही अनुभव नहीं होने का आरोप लगाया जाता रहा किन्तु उन्होंने दो बार चलाकर दिखा दिया। विपक्ष ने दोनों बार यही दिखाया है कि उसे विपक्ष में काम करने का अनुभव न तो है और न ही विपक्ष में काम करना चाहते हैं।

जेपी नड्डा बने राज्यसभा में सदन नेता

आज भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को राज्यसभा में सदन नेता बनाया गया। नड्डा से पहले पीयूष गोयल थे जो अब लोकसभा में सांसद हैं।

मैं नरेंद्र दामोदर दास मोदी ….. प्रधानमंत्री मोदी ने तीसरी बार किया सांसद शपथ ग्रहण

प्रधानमंत्री मोदी ने तीसरी बार किया सांसद शपथ ग्रहण किया। मोदी के साथ ही और भी कई सांसदों ने शपथ ग्रहण किया। एक प्रश्न आपके मन में उठ सकता है कि मोदी ने तो पहले भी शपथ लिया था आज दुबारा क्यों। मोदी और अन्य मंत्रियों ने जो 9 जून को शपथ ग्रहण किया था वो कार्यपालिका का शपथ ग्रहण था। आज जो मोदी और अन्य सांसदों ने शपथ ग्रहण किया है वो विधायिका का शपथ ग्रहण है। राज्य के तीन अंग होते हैं कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका।

हरियाणा सरकार का 5 अंक, सर्वोच्च न्यायालय से हुआ निरस्त

हरियाणा सरकार ने कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) में सामाजिक और आर्थिक आधार पर पिछड़े अभ्यर्थियों को अतिरिक्त 5 अंक देने का निर्णय लिया था। पहले तो पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने इसे निरस्त किया था, इसके बाद हरियाणा सरकार सर्वोच्च न्यायालय गयी थी लेकिन आज सर्वोच्च न्यायालय ने भी इसे गलत बताया और याचिका को निरस्त कर दिया। हरियाणा सरकार ने HSSC (हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन) के द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में 4 याचिकायें लगायी थी।

केजरीवाल की बेल, बड़ी कठिन है खेल

वैसे बेल का खेल बहुत बार कहते-सुनते देखा जाता है लेकिन केजरीवाल की बात ही कुछ और है। और जब बात केजरीवाल की हो और सामान्य रहे संभव नहीं है। पहले तो केजरीवाल को राउस एवेन्यू कोर्ट से बेल मिली, ED खटाखट दिल्ली उच्च न्यायालय पहुंची और वो हो गया जिसकी अपेक्षा केजरीवाल को थी ही नहीं। केजरीवाल सोच रहे थे एक बार बाहर निकल गये फिर सुनवाई होती रहेगी लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय ने तब तक के लिये केजरीवाल के बाहर निकलने पर रोक लगा दिया जब तक कि वो निर्णय न करे कि बेल मिलना सही था या …. लेकिन केजरीवाल तो ठहरे केजरीवाल लगा दी एक और उछाल पहुंच गये सर्वोच्च न्यायालय। सर्वोच्च न्यायालय का कहना है कि उच्च न्यायालय पर दबाव न बनाया जाय और उच्च न्यायालय से निर्णय आने के बाद सुनेंगे।

सभी समस्याओं का होगा समाधान, करते रहो बस एक काम

AAP और मीडिया के लिये व्यंग्यात्मक वचन है “सभी समस्याओं का होगा समाधान, करते रहो बस एक काम”, यदि आपको किसी भी प्रकार की समस्या है तो आप बस एक काम करें समाधान हो जायेगा; वो एक काम क्या है ? वो एक काम है केजरीवाल का वजन कितना घटा, इन्सुलिन मिला या नहीं, आतिशी का ब्लड प्रेशर कितना है इत्यादि। आप बस AAP नेताओं के स्वास्थ्य की सूचना रखें और लोगों को बतायें।
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