प्रमुख समाचार पढ़ो एक बार में दिन भर के प्रमुख समाचार को समाहित किया जाता है अर्थात एक पोस्ट में ही दिन भर के प्रमुख समाचारों का अवलोकन करना सरल हो जाता है। कई समाचार ऐसे भी होते हैं जिनकी कड़ियाँ एक-दूसरे से जुड़ी होती है जिसे समझना यहां सरल हो जाता है।
News Most One Post : प्रमुख समाचार पढो एक बार – 26/06/2024
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बिगड़ा स्वास्थ्य भी काम न आया, CBI का भी साया छाया
केजरीवाल को ये बात पिछले दिन ही समझ में आ गयी थी कि अब कोई दांव-पेंच काम नहीं आयेगा, फिर याद आये लालू प्रसाद यादव। लालू प्रसाद यादव स्वास्थ्य को लेकर जेल से बाहर हैं, केजरीवाल ने भी लालू प्रसाद का के पदचिह्नों पर बढ़ने का प्रयास किया किन्तु ये भी काम नहीं आया। वैसे यदि CBI की अभिरक्षा में नहीं भी भेजा जाता तो भी बाहर निकल पाना संभव नहीं था क्योंकि ED के मामले में भी बेल मिलना शेष ही है। अब केजरीवाल को एक मामले में नहीं दो-दो मामले में बेल लेने की आवश्यकता होगी और यही बात उन्हें परेशान कर रही थी जिसके कारण लालू प्रसाद के पदचिह्नों पर चलने का प्रयास किया। लेकिन विचार करने की बात यह है कि अभी भी इन्होंने मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ा है।
राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल को एक्साइज पॉलिसी मामले में 3 दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया।
भले ही सीट कम हो गयी हो लेकिन मोदी कमजोर नहीं हुआ है
आज ओम बिरला दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष बनने के बाद पहले कार्य में आपातकाल को लोकतंत्र काला अध्याय बताया। विपक्षी आक्रामक रुख अपनायेंगे ऐसा कांग्रेस का विचार देखा जा रहा था। राहुल गांधी को चुनाव में ही नहीं शपथ ग्रहण तक संविधान पकड़े देखा गया। लोकसभा में आज ये बता दिया गया कि संविधान कब खतड़े में था, लोकतंत्र की हत्या कब की गयी थी। अब ये संसद की आधिकारिक पंक्ति बन गयी। इसके साथ ही राहुल गांधी सहित विपक्षी नेताओं ने बधाई देते हुये भी आरोप लगाने का प्रयास किया था। लोकसभा अध्यक्ष ने बता दिया आरोप लगाने से जो कुकर्म होते हैं वो सही नहीं सिद्ध हो जाते। देश कांग्रेस का कुकर्म कभी नहीं भूलेगा।
पहला दिन पहला प्रहार, टूट गया झूठा अहंकार – condemnation of emergency
ओम बिरला बने दूसरी बार लोक सभा अध्यक्ष
लोक सभा अध्यक्ष सत्ता पक्ष का ही होगा यह तो सुनिश्चित ही रहता है और वही हुआ। ओम बिरला आज पुनः दूसरी बार अठारहवीं लोकसभा के अध्यक्ष चुने गये। ओम बिरला नयी संसद भवन के प्रथम लोकसभा अध्यक्ष बने। प्रधानमंत्री मोदी और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सहित अनेक सांसदों में स्वागत किया और बधाई दिया।
NEET पेपर लीक प्रकरण में ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल को CBI ने हिरासत में लिया
NEET पेपर लीक प्रकरण में CBI अपनी जांच को निरंतर आगे बढ़ा रही है। आज हजारीबाग में ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक से पूछताछ करने के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया।
केजरीवाल की बेल पटरी से उतरी रेल
केजरीवाल ने तो बेल लेने का ऐसा खेल रचा था कि एक बार चुनाव के नाम पर चुनावी सभा के लिये बाहर आ भी गये। फिर राउस एवेन्यू कोर्ट से बेल भी मिल गयी, लेकिन ED तत्काल दिल्ली उच्च न्यायालय चली गयी और पटरी से रेल को ही उतार दिया या रेल पटरी पर थी ही नहीं ये सिद्ध कर दिया। केजरीवाल सर्वोच्च न्यायालय भी गये थे, संभवतः कृपापात्र बन भी सकते थे लेकिन बीच में CBI कूद गयी और जब केजरीवाल को लगा की रेल पटरी से उतरी की उतरी है तो सर्वोच्च न्यायालय से पहली याचिका जिस पर आज सुनवाई होनी थी वापस भी ले लिया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट से ले जाया गया।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 26, 2024
कोर्ट ने उन्हें एक्साइज पॉलिसी मामले में 3 दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया है। pic.twitter.com/7qtmSB5pXr
राहुल गांधी पहली बार सीखने के लिये आगे आये और बने लोकसभा नेता प्रतिपक्ष
राहुल गांधी पहली बार देश के प्रति किसी दायित्व का निर्वहन करने के लिये आगे आये और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बने। दायित्व निर्वहन करने के बाद किसी भी व्यक्ति का कौशल, अनुभव, गांभीर्य आदि का विकास होता है। अभी तक जो राहुल गांधी देखे गये वो इन गुणों से रहित थे जो उनके वक्तव्यों से प्रकट होता ही रहता था। अब सर्वप्रथम तो बोलने की कला सीखेंगे। कितना सीखते हैं ये तो भविष्य के गर्भ में छुपा है, किन्तु उसके लिये जो आवश्यक होता है वह सीखने की इच्छा का होना। राहुल गांधी के व्यवहार में सीखने की इच्छा का अभाव होना ही दिखाई देता रहा है।
स्वस्थ लोकतंत्र का तात्पर्य पद देना है या सही से सबका काम करना है
स्वस्थ लोकतंत्र का तात्पर्य बताया जा रहा है कि डिप्टी स्पीकर पद विपक्ष को दिया जाना चाहिये। जो पूर्ण रूप से गलत है, बनाने के लिये तो कुछ मंत्री भी विपक्ष के हों ऐसा भी कुतर्क किया जा सकता है। स्वस्थ लोकतंत्र का तात्पर्य देश के लिये समर्पित लोगों को पद देना है न कि सत्ता, गठबंधन या विपक्ष के नाम पद देना। कांग्रेस कभी भी विपक्ष के रूप में काम करते दिखी ही नहीं, कांग्रेस ने विपक्ष का काम केवल विरोध करना समझ रखा है ऐसे में पद की लालसा और उसके लिये भी विरोध स्वस्थ लोकतंत्र सिद्ध ही नहीं होता। साथ ही यदि कांग्रेस को डिप्टी स्पीकर का पद दे दिया जाये तो उसे सभी स्वस्थ लोकतंत्र घोषित करने लगेंगे। जबकि स्वस्थ लोकतंत्र का तात्पर्य है कि स्पीकर हो या डिप्टी स्पीकर जो पद के सर्वाधिक योग्य हों उन्हें बनाया जाना चाहिये, भले ही उनकी पार्टी के वो इकलौते सांसद क्यों न हों।
स्वस्थ लोकतंत्र का तात्पर्य डिप्टी स्पीकर पद विपक्ष को देना है या …
भाजपा के लिये सोने पर सुहागा
लोकसभा अध्यक्ष के लिये इंडि गठबंधन ने अपना प्रत्याशी के. सुरेश को बनाया है और लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होते देखा जा सकता है। ये चुनाव होना भाजपा के पक्ष में ही जाता दिख रहा है। इस चुनाव के माध्यम से ही सिद्ध हो जायेगा कि इंडि गठबंधन जो कि सरकार को गिराने की बात तक बोलती थी वह कितने पानी में है।
अमरनाथ यात्रा के लिये पंजीकरण आरंभ
आगामी अमरनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण आरंभ हो गया है। पंजीकरण की ये प्रक्रिया ऑफलाइन शुरू किया गया है। यात्रा के लिए ऑफलाइन पंजीकरण स्थल पर तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ देखी गई।
कांग्रेस के अनुसार देश में दो नियम हैं कांग्रेस के लिये अलग और भाजपा के लिये अलग
कई राज्यों में कांग्रेस या इंडि गठबंधन की सरकार है लेकिन वहां या तो डिप्टी स्पीकर है नहीं अथवा है तो इंडि गठबंधन का ही है, विपक्ष (भाजपा या अन्य) का नहीं। कांग्रेस + स्वयं के लिये यह नियम सही मानती है, किन्तु यह नियम भाजपा + के लिये नहीं है यह भी बताती है। डिप्टी स्पीकर विपक्ष का तब होना चाहिये जब सत्ता में भाजपा + हो। ये दोहरा नियम क्यों होगा, कैसे चलेगा ? ये निर्लज्जता की सीमा का उल्लंघन नहीं है क्या ?
कब है विघ्नराज गणेश चतुर्थी व्रत
विघ्नराज गणेश चतुर्थी व्रत आज 25 जून मंगलवार को है। इसे श्रीकृष्ण पिङ्गल चतुर्थी भी कहा जाता है। आज सूर्योदय पूर्व से ही चतुर्थी तिथि आरंभ है जो रात्रि 11:10 बजे तक रहेगी।
केजरीवाल और AAP को मोदी ले डूबेंगे, CBI ने खेला कर दिया
“बेल का खेल” तो चल ही रहा है, राउस एवेन्यू कोर्ट ने ED को सुने बिना, विवेक प्रयोग किये बिना केजरीवाल को बेल दे दिया और ऐसा दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी कहा। HC ने बेल पर रोक लगा दिया। इससे पहले ही केजरीवाल SC भी पहुंच गये थे, और इस संभावना को भी नकारा नहीं जा सकता था कि चुनावी बेल जैसी कृपा पुनः हो सकती है। और इसी संभावना को निरस्त करने के उद्देश्य से अचानक फिर से CBI कूद गयी जिसके बाद AAP फिर से बौखला गयी है और मोदी पर केजरीवाल और AAP को तबाह करने का आरोप लगा रही है।
केंद्र सरकार संस्थाओं का दुरुपयोग करती है
दस वर्षों से विपक्ष केंद्र पर ED, CBI, आयकर विभाग आदि संस्थाओं के दुरुपयोग करने का आरोप लगा रही है। इस आरोप से कुछ बातें स्वतः सिद्ध होती है और एक समय ऐसा भी था जब न्यायालय ने “CBI को केंद्र का तोता” कहते हुये पुष्ट भी किया था। कुछ प्रश्न भी उत्पन्न होते हैं।
- आज की विपक्ष यदि केंद्र पर संस्थाओं के दुरुपयोग का आरोप लगा रही है तो इससे यह सिद्ध करती है कि जब वह सत्ता में थी तब दुरुपयोग करती थी और न्यायालय ने भी CBI को केंद्र सरकार का तोता कह दिया था।
- प्रथम प्रश्न तो यह है कि आज भी यदि ऐसा है तो गलत ही कहा जायेगा, किन्तु पहले की कांग्रेस + सरकारें ऐसी गलती करती रही थी, क्या तब सही था ? यदि तबके समय सही था तो अब गलत कैसे हो गयी ?
- एक प्रश्न यह भी है कि क्या विपक्ष यह स्वीकार करती है कि कानून, संविधान कुछ नहीं होता है सरकार जो चाहती है वही होता है और करती रही है।
- एक प्रश्न ये भी है कि क्या राज्य की सरकार ऐसा नहीं करती है ? कांग्रेस + की जिन राज्यों में सरकारें हैं वहां तो खुलकर अभी भी ऐसा कर रही है। अर्णव, कंगना, मनीष, अमन आदि कई नाम हैं जो राज्य सरकारों की कार्यप्रणाली बता रही है। नया नाम अभिजीत का भी जुड़ गया है।
- जहां तक प्रताड़ना की बात है तो आपातकाल लगाये बिना केंद्र ऐसा नहीं कर सकती, परेशान भले करे। कांग्रेस + की सरकार ने मोदी-शाह को कितना परेशान किया था यह छुपा नहीं है किन्तु मनमर्जी से जेल में नहीं रख सकती। जेल में तभी रखा जा सकता है जब साक्ष्य हों, और जेल में न्यायालय ही रखता है सरकार नहीं।
राहुल गांधी होंगे नेता प्रतिपक्ष, अब सीखेंगे राजनीति
राहुल गांधी की सबसे बड़ी समस्या यही रही है कि वो विशेष परिवार में जन्म लेने के अहंकार से ओत-प्रोत रहे हैं। वो प्रधानमंत्री से नीचे किसी पद पर बैठना ही नहीं चाहते थे, उनका सोच यह थी कि वो जन्मजात प्रधानमंत्री का काम जानते हैं, देश चलाना जानते हैं, कुछ भी सीखने की आवश्यकता है ही नहीं। यदि सीखने की इच्छा होती तो राज्य की राजनीति से सीखते हुये केंद्र तक पहुंचते। किसी भी प्रधानमंत्री की कार्यकुशलता में राज्य के राजनीतिक अनुभव का महत्वपूर्ण योगदान होता है जिससे गांधी परिवार अछूता ही रहा है। केंद्र की राजनीति ही सही, नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद राहुल गांधी को वक्तव्य देने की शिक्षा तो मिल ही जायेगी।