लोकसभा चुनाव 2024 के दो चरण सम्पन्न हो चुके हैं लेकिन अभी तक मीडिया ने ये चर्चा नहीं किया है कि दोनों गठबंधन में क्या अंतर है, या किधर क्या है? इस आलेख में हम तुलनात्मक रूप से यही समझेंगे कि BJP & NDA में क्या है और INDI Allaiance में क्या है? इससे एक स्वस्थ लोकतंत्र संबल होगा इस कारण यह आलेख महत्वपूर्ण है।
तुलनात्मक विश्लेषण किधर क्या है : NDA Vs INDI Allaiance
लोकतंत्र में शक्ति मूल रूप से जनता में निहित रहती है जिसका उपयोग निर्धारित समय में होने वाले चुनाव में करते हुये सरकार व विधायिका हेतु सदस्यों का निर्वाचन करती है। स्वस्थ लोकतंत्र के लिये यह आवश्यक होता है कि जनता अपना मत प्रलोभन, जातिवाद, परिवारवाद, भाई-भतीजावाद आदि से ऊपर उठकर राजनीतिक दलों की विचारधारा, गतिविधि, प्रत्याशी के गुणावगुण आदि का सम्यक अवलोकन करते हुये जो सही लगे उसके पक्ष में मतदान करे।
इस कारण सभी पक्षों के गुणावगुणों का चुनाव में गंभीर विश्लेषण किया जाना चाहिये एवं मीडिया को इसके लिये महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिये। इस भूमिका में मीडिया को निष्पक्ष रहना चाहिये किन्तु ऐसा होना व्यावहारिक दृष्टिकोण से संभव नहीं होता। तथापि फिर भी सभी पक्षों के बारे में, घोषणापत्र पर, प्रत्याशी का विश्लेषण तो करना ही चाहिये जिसका पूर्णरूप से अभाव देखा जा रहा है।
मीडिया की भूमिका
भले ही सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश क्यों न कह दें कि देश विकास की दिशा में तीव्रगति से गमन कर रहा है किन्तु मीडिया में उसकी अपेक्षित चर्चा नहीं की गयी। कांग्रेस की घोषणपत्र आने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने उसपर स्पष्टरूप से मुस्लिमलीग की छाप बताकर मीडिया का उल्लेख भी किया अर्थात मीडिया को उसके काम की याद भी दिलाया किन्तु कुम्भकर्ण की नींद में सोने वाली मीडिया ने कोई चर्चा नहीं किया। यह स्वस्थ लोकतंत्र का बाधक है।
सोशल मीडिया की भूमिका
वर्त्तमान युग सोशल मीडिया का है और मीडिया अपनी भूमिका नहीं भी निभाये फिर भी सोशल मीडिया की एक विशेष महत्ता देखी जा रही है। सभी पक्षों के बारे में विस्तृत जानकारी सोशल मीडिया से ही मिल पाती है और चूंकि कई मामलों में सोशल मीडिया मीडिया को आईना दिखाने का काम करती है इसलिये मीडिया के द्वारा ईर्ष्यावश सोशलमीडिया पर व्हाट्सप्प यूनवर्सिटी का आरोप मढ़ती रहती है। अस्तु तुलनात्मक विवेचन हमें करना आवश्यक प्रतीत होता है जिससे मतदाता की समझ में वृद्धि हो और लोकतंत्र सबल हो।
लोकसभा चुनाव 2024
लोकसभा चुनाव मुख्यरूप से द्विपक्षीय चुनाव में परिवर्तित हो गया है, यद्यपि विपक्ष उतना सबल नहीं रहा जितना विपक्षी गठबंधन बनाते समय था। जिस समय विपक्षी गठबंधन बनाये जा रहे थे उस समय ही जदयू ने साथ छोड़ दिया, उससे पहले ही शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी विखंडित हो गयी, उससे पहले ही शिवसेना भी विखंडित हो गयी थी। इसके साथ ही चुनाव आरम्भ होने से पहले कांग्रेसी नेताओं के पार्टी छोड़ने की जो होड़ आरम्भ हुई वह अभी तक चलती ही दिख रही है।
लोकसभा चुनाव 2024 |
उपरोक्त विवरण और चुनावपूर्व से लेकर वर्त्तमान तक की राजनीतिक गतिविधियों से ये स्पष्ट होता है की विपक्ष को जनता एक बार फिर से नकारने जा रही है। किन्तु मीडिया के एक विशेष वर्ग ने ऐसा चश्मा पहन रखा है कि उसे हरा-ही-हरा दिखाई देता है। घटनाक्रम कह रहे हैं कि कोई टक्कर नहीं है पार्टी के नेताओं को भी हार का आभास हो चुका है और पार्टी छोड़ने में ही अपना भला देख रहे हैं किन्तु मीडिया के उस चश्मे में ऐसा जादू है कि वास्तविकता दिखती ही नहीं। एक कहावत की याद आती है “भैंस के आगे बीन बजाओ भैंस रही पगुराई” और ये कहावत सत्यापित होते दिख रही है।
ध्यान देने वाली विशेष बात ये है कि आज जो सभी गतिविधियों, घटनाक्रमों की अनदेखी करते हुये मोदी को आउट कर रहे हैं वो लोग लोकसभा चुनाव 2019 में भी यही राग अलाप रहे थे और यदि याद न हो तो पुराने विडियो, समाचार आदि आज भी देखे जा सकते हैं। एक भंगेड़ी जब नशे में होता है तो आसमान में उड़ता रहता है, बोलने लगे तो बोलता ही रहता है, हंसने लगे तो हंसता ही रहता है और खाने लगे तो खाता ही रहता है (मतलब अधिक खाता है), बहुत हद तक ऐसा ही प्रतीत हो रहा है।
लोकसभा चुनाव की जो मुख्य बात है इसमें दो ही पक्ष हैं एक सत्तापक्ष अर्थात भाजपा और उसके सहयोगी दल जिसका नाम राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन है – NDA और दूसरा सम्मिलित (व विखंडित) विपक्षियों का गठबंधन जिसे INDI allaiance कहा जाता है। अब हम इन दोनों पक्षों के पास क्या-क्या है जिसके आधार पर मतदान होना चाहिये उसकी तुलनात्मक चर्चा करेंगे।
NDA Vs INDI Allaiance
प्रधानमंत्री पद का चेहरा : NDA गठबंधन के पास प्रधानमंत्री पद के लिये नरेंद्र मोदी हैं जो कि वर्त्तमान काल में विश्व के लोकप्रिय नेता बन चुके हैं, साफ छवि है तो वहीं INDI Allaianc ने अपना प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं बताया है और स्वच्छ छवि के नेता का पूर्ण अभाव है।
काम के आंकड़े : NDA गठबंधन के पास अपने 10 वर्ष के कार्यों का एक ऐसा आँकड़ा है जो उसे गर्वयुक्त करता है, INDI Allaianc अपने विगत कार्यों जिसे कि लोग कारनामें भी कहते हैं को छिपाने तक की जरुरत पड़ जाती है और कई बार विपक्ष के प्रवक्ता मीडिया बहस में ऐसा कहते हुये भी देखे जाते हैं कि आज की बात करो अर्थात हमने पीछे क्या-क्या किया था इस पर चर्चा मत करो।
नेताओं के आना-जाना : NDA गठबंधन में नेताओं का आने का दौर देखा जा रहा है और INDI Allaianc में नेताओं के जाने का दौर देखा जा रहा है। दो-दो पार्टियां तक विखंडित हो चुकी है।
आतंकवाद के प्रति नीति : एक तरफ प्रधानमंत्री और NDA नेता आतंकवादियों को घर में घुसकर मारने की बात करते हैं दूसरी तरफ INDI Allaianc के पास आतंकवादियों को बचाने के लिये रात के 2 बजे भी सर्वोच्च न्यायालय को खुलवाने का रिकॉर्ड है, आतंकवादियों के फांसी पर रोने वाली सोनियां गाँधी है।
वकील : एक तरफ उज्ज्वल निकम जैसे वकील जुड़े हैं जिन्होंने आतंकवाद, अपराध आदि का कड़ा विरोध किया है तो दूसरी तरफ सिब्बल, सिंघवी जैसे वकील हैं जो आतंकवादियों का पक्ष लेते हैं, 370 हटाने के विरुद्ध लड़ते हैं, राम मंदिर न बने इसके लिये लड़ते रहे।
विश्वास : एक तरफ NDA है जो अपने देश की जनता पर, वैज्ञानिकों पर विश्वास करता है कोरोना काल जैसी आपदा में अपने स्वदेशी वैक्सीन बनवाता ही नहीं सभी देशवासियों को निःशुल्क लगवाता भी है और विदेशों तक की मदद करता है, जनता पर विश्वास है इसलिये 400 पर का नारा देता है दूसरी तरफ INDI Allaianc के नेता हैं जिन्हें आज तक अपने देश की जनता, वैज्ञानिकों पर विश्वास नहीं हो पाया, अपने देश में बनी वैक्सीन का इन्होंने विरोध किया विदेशी वैक्सीन लगवाने के पक्षधर रहे, देश जनता पर विश्वास नहीं है इसलिये evm पर हमेशा सवाल करते हैं और बूथ कैप्चरिंग के पुराने दौर को लाना चाहते हैं।
सुरक्षा : एक तरफ NDA है जो लगातार सेना और सुरक्षा के लिये बजट बड़ा करते हुये काम कर रहा है दीवाली आदि मौकों पर सेना के बीच जाकर मनोबल बढ़ाता है वहीं दूसरी तरफ INDI Allaianc है जिसके नेता हमेशा सेना को झूठा सिद्ध करने का प्रयास करते हैं सेना पर भी विश्वास नहीं करते, हमेशा सेना का मनोबल तोड़ने वाला वक्तव्य देते हैं।
एकता और अखण्डता : एक तरफ मोदी का कहना है मैं देश नहीं झुकने दूंगा, मैं देश नहीं टूटने दूंगा, आदि आदि नारे लगाकर देश की एकता और अखण्डता को संबल प्रदान करता है तो वहीं दूसरी तरफ भारत तेरे टुकड़े होंगे के नारे लगाने वाले हैं, देश में किरोसिन छिड़का हुआ है एक तीली जलाने से आग लग जाएगी, देश टूट जायेगा, खून-खराबा होगा, आग लग जायेगी कहने वाले नेता हैं जो देश की एकता और अखण्डता के लिये स्वयं खतड़ा हैं।
राम मंदिर : एक तरफ NDA है जिसने राम मंदिर बनाने की दिशा में आने वाले गतिरोधों को दूर किया और राम मंदिर निर्माण कराया दूसरी तरफ INDI Allaianc है जिसके वकील राम मंदिर न बने इस लिये न्यायालय में अड़ंगा लगाते रहे लेकिन वक्फबोर्ड को असीमित अधिकार दिया था ।
बुल्डोजर बाबा |
अपराध : एक तरफ अपराध के प्रति कठोर रुख रखने वाले योगी, विश्वशर्मा आदि हैं जो माफिया को मिट्टी में मिलाने की बात करते हैं, बुल्डोजर बाबा नाम से विख्यात हो जाते हैं तो दूसरी तरफ वो नेता हैं जिन्होंने पहले माफियायों को संरक्षण दिया था।
घुसपैठिया : एक तरफ NDA घुसपैठियों को बाहर करने की बात करती है तो दूसरी तरफ घुसपैठियों को सुविधा प्रदान करने वाले नेता हैं।
संस्कृति : एक तरफ NDA है जो देश की संस्कृति को संरक्षण देती है, मंदिरों का विकास करती है, पाठ्यक्रम में सुधार करती है, अनमोल भारतीय ग्रन्थ गीता का प्रचार करती है, योग का अंतर्राष्ट्रीयकरण करती है तो दूसरी तरफ INDI Allaianc जिसने 70 वर्षों तक देश की संस्कृति से खिलवाड़ किया था, पाठ्यक्रमों में मुगलों को महान बताया था, मंदिरों में लड़की छेड़ा जाता है कहा था, गीता-योग आदि को सांप्रदायिक कहता है।
भ्रष्टाचार : एक तरफ NDA गठबंधन का कार्यकाल है जिसमें लाखों करोड़ धन/संपत्ति जो भ्रष्टाचार की है जब्त किया गया है तो वहीं दूसरी तरफ INDI Allaianc जिसके कार्यकाल में हर बार घोटाले का नया रिकॉर्ड बनाया जाता था।
अंतरराष्ट्रीय स्थिति : एक तरफ NDA है जिसके 10 वर्षों के कार्यकाल में देश ने अंतरराष्ट्रीय नेतृत्व प्राप्त किया है जिसका साक्ष्य हैं यूक्रेन से भारतीय झंडा लेकर निकलने वाले लोग, युद्ध को रोककर अपने नागरिकों को विदेश से भी सुरक्षित लाया जाता है, कुछ दिन पहले कतर से आने सुरक्षित आने वालों ने कहा था मोदी है तो मुमकिन है हमें विश्वास था कि मोदी हमें सुरक्षित वापस घर लायेगा, दूसरी तरफ INDI Allaianc है जिसके कार्यकाल में देश पिछलग्गू जैसी स्थिति में रहता था, पाकिस्तान जैसा भिखाड़ी देश भी डराता रहता था इसके भी प्रमाण हैं मोदी सरकार बनने के बाद कांग्रेसी नेता ने पाकिस्तान से सरकार गिराने में मदद तक मांगा था।
धारा 370 : एक तरफ NDA सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाकर अशांति, अन्याय से बचाने का काम किया तो दूसरी तरफ INDI Allaianc है जो अभी भी धारा 370 के पुनर्बहाली की बात करता है, सर्वोच्च न्यायालय में इसके लिये लड़ाई लड़ी।
इस विषय पर और भी बहुत लम्बी चर्चा हो सकती है जो मीडिया को करने की आवश्यकता थी किन्तु मीडिया अपनी भूमिका निभाने में असफल रहा है और यही कारण है कि मोदी ने अपने भाषण और इंटरव्यू में मीडिया को आईना भी दिखाया है। लोकतंत्र में एक ऐसी संस्थान भी होनी चाहिये जो सभी पक्षों के गुणावगुण पक्षपात रहित होकर जनता के समक्ष प्रस्तुत करे। उपरोक्त तथ्यों के ऊपर यदि किसी भी चैनल ने मात्र इतनी चर्चा भी कभी किया हो तो कॉमेंट करके अवश्य जानकारी दें।
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