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राजा महाराजा का सच सामने लाकर राहुल गांधी ने दिया “मोहब्बत का पैगाम” : “राजा महाराजा लुटेरे थे”

राजा महाराजा लुटेरे थे
मोहब्बत का पैगाम

कांग्रेस ने घोषणापत्र जारी करके अपनी सबसे बड़ी चिंता यह बताया कि समाज में डर, धमकी और नफरत का माहौल है । इस माहौल को मिटाने के लिये राहुल गांधी जी-जान से लड़ रहे हैं “भारत जोड़ो यात्रा” करने के बाद उन्होंने एक और न्याय यात्रा भी किया जिससे दिव्य अनुभव की प्राप्ति हुई फिर उनके अनुभव के आधार पर कांग्रेस ने घोषणापत्र जारी किया। इस आलेख में हम राहुल गांधी ने राजा महाराजा का सच सामने लाकर जो “मोहब्बत का पैगाम” दिया है कि “राजे-रजवाड़े लुटेरे थे” उसे सही से समझने का प्रयास करेंगे।

महाराजा का सच सामने लाकर राहुल गांधी ने दिया “मोहब्बत का पैगाम” : राजा महाराजा लुटेरे थे

आगे इसके संदेशों को समझेंगे लेकिन उससे पहले राहुल गाँधी ने जो कहा है उसे जानना आवश्यक है ताकि अर्थ का अनर्थ न हो, नीचे जो विडियो दिया गया है उसमें राहुल गांधी का मूल वक्तव्य है जो सर्वव्यापी हो गया है और साथ-ही-साथ मोदी जी ने जो प्रतिक्रिया दिया है वो भी है :

इस विडियो में राहुल गांधी का मूल वक्तव्य और उसपर मोदी जी की प्रतिक्रिया भी है। 

राहुल गांधी के द्वारा दिया गया मोहब्बत का पैगाम या मूल वक्तव्य : 

राजाओं महाराजाओं का राज था, जो भी वो चाहते थे कर देते थे, किसी की जमीन चाहिये होती थी उठाकर ले जाते थे

जिन लोगों को समझ नहीं है वो इस वक्तव्य को “तिल से ताड़” और “राइ से पहाड़” बनाने में लग गये हैं जिनमें कहना तो नहीं चाहिये और “डर का माहौल है” फिर भी कह देता हूं वर्त्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं। 

मैं प्रधानमंत्री और उनके समर्थकों जो की राष्ट्रवादी नाम से भी जाने जाते हैं उन्हें कहना चाहूंगा की राहुल गांधी जो बोलते हैं वो उन्हें दिव्य ज्ञान से प्राप्त होता है और उसे समझने के लिये भी दिव्य ज्ञान की आवश्यकता होती है जो राष्ट्रवादियों को कभी मिलता ही नहीं, उसके लिये राहुल गांधी जी का अनुयायी बनना पड़ता है क्योंकि भगवान ने राहुल गांधी को दिव्य ज्ञान बांटने का भार दे रखा है।

तानाशाह मोदी

 

आपको समझ न आयी कोई बात नहीं हम हैं न समझा देंगे, लेकिन उससे पहले आपको एक और परामर्श देना चाहूंगा कि आप अपने भक्तों को समझा दीजिये कि यदि राहुल गांधी की दिव्य वाणी समझ न आये तो पहले समझा करें फिर मुंह खोले लेकिन मैं भी किससे कह रहा हूँ एक तानाशाह से, “राम-राम-राम” घोर अपराध, घनघोर अपराध, एक तानाशाह को इस प्रकार कुछ कहा जा सकता है क्या ? वो भी तब जब देश में डर का माहौल हो ….. आइये देखिये मोदी भक्त कैसे राहुल गांधी के दिव्य वाणी को बिना समझे “तिल का ताड़” बना देते हैं : (वीडियो में समझें)

 

जिस प्रकार मोदी जी ने प्रतिक्रिया दिया उनके भक्त भी तो उसी प्रकार प्रवचन करेंगे। दिव्य वाणी के जो दिव्य भाव हैं वो किसी ने नहीं बताया, बतायें तो कैसे किसी को समझ ही नहीं आया। सबने इसे हिन्दुओं में विद्वेष (नफरत) फैलाने वाला वक्तव्य कहा, राजपूतों का अपमान बताया। हम इसके दिव्य भाव को समझेंगे। 

सांकेतिक राजा महाराजा कौन थे ?

राहुल गांधी ने जो राजा महाराजा कहा वो सांकेतिक था, उसका वास्तविक तात्पर्य कांग्रेस शासनकाल के राजा महाराजाओं से है, जो अभी भी जहां कांग्रेस या INDI गठबंधन की सरकार है वहां देखी जाती है, जैसे सन्देश खाली के राजा महाराजा ….. नाम स्वयं समझ लें मैं उनका नाम लेने का दुस्साहस नहीं कर सकता। 

जब तक उत्तरप्रदेश में योगी जी की सरकार नहीं बनी थी तो राजा महाराजा (अनेकों) यही सब करते थे, राहुल गांधी ने उठा लेते थे जो कहा उसमें एक और संकेत है जो दिव्य ज्ञानियों के समझ में ही आ सकती है वो यह कि बहु-बेटियों को भी उठा लेते थे। जब से योगी जी की सरकार बनी है उन जमीनों पर बने मकान बुलडोजर से गिराये जा रहे हैं, लव जिहादियों पर लट्ठ बरसाये जा रहे हैं। मतलब साफ है राजा महाराजाओं (सांकेतिक) को ये अधिकार कांग्रेस या INDI गठबंधन के शासन में ही दिया जा सकता है, भाजपा के शासन में नहीं। 

बुलडोजर राज


कांग्रेस शासन में नौकरी के नाम पर जमीन हड़प का विवाद तो अभी न्यायालय में चल ही रहा है, कांग्रेस ने कानून बनाकर राजा महाराजाओं (सांकेतिक) को ये अधिकार दिया था कि जिस जमीन पर अंगुली रख दो वो तुम्हारी हो जायेगी चाहे वो मथुरा का मंदिर हो या पटना उच्च न्यायालय का परिसर, अंबानी का महल हो या संसद भवन। एक निवेदन ये भी करना चाहूंगा कि सांकेतिक राजा महाराजा को वक्फ बोर्ड न समझा जाय। 

दिव्यज्ञानी राहुल गांधी जी ने उन्हीं सांकेतिक राजा महाराजाओं को सन्देश देते हुए याद दिलाया है कि जब हमारी सरकार थी तब आपको कितने अधिकार प्राप्त थे ? आगे भी मिलेंगे बस किसी भी तरह से मेरी सरकार बना दो। 

हिन्दुओं में विद्वेष फैलाना 

कुछ लोग इसे राजपूतों का अपमान कहकर हिन्दुओं में विद्वेष (नफरत) फैलाना कह रहे हैं, मैं इसे नहीं मनाता। राहुल गांधी ऐसा कर ही नहीं सकते, वो तो नफरत के बाजार में मोहब्बत बांटते हैं। हां ये बात अलग है कि उनका मोहब्बत भी विशेष अर्थ रखता है, उनका मोहब्बत हिन्दू-मुस्लिम एकता का संदेश देने वाला है जिसे भाईचारा कहा जाता है और ये राष्ट्रवादी जो होते हैं वो भाईचारा का भी एक अलग ही अर्थ करते हैं मैं उस अर्थ को स्पष्ट नहीं कर सकता वो दिव्यज्ञान का विषय नहीं है। 

वर्त्तमान और भूत 

कांग्रेस हमेशा वर्त्तमान की बात करती है लेकिन राष्ट्रवादी बुद्धू हमेशा भूत में चले जाते हैं इतिहास की याद दिलाने लगते हैं। अरे मोदी जी वर्त्तमान की बात करना सीखिये भूत के चक्कर में मत फंसिए नहीं तो बड़े-से-बड़ा ओझा-गुनी भी झाड़ नहीं पायेगा। जिन्ना के जिन्न को चिराग से मत निकालिये। 

कांग्रेस ने घोषणापत्र में देश में डर का माहौल बताया है, डर के माहौल को समझने के लिये इस आलेख को पढ़ें : “डर का माहौल है मगर किसे और क्यों है

निष्कर्ष : इस आलेख का निष्कर्ष ये है कि राहुल गांधी को पूरा सच ज्ञात है मोदी को नहीं। राहुल गाँधी ने जो कहा राजा महाराजा लुटेरे थे ये अक्षरशः सत्य है विगत 7 दशकों में ही ऐसा नहीं हुआ अपितु वर्त्तमान में भी जहां कांग्रेस या INDI गठबंधन का शासन है वहां राजा महाराजा (सांकेतिक) यही कर रहे हैं और आप हैं की कभी ED तो कभी CBI को और उससे भी मन न भरे तो NSG के जवान भी उतार देते हैं। थोड़ा समझ दिव्य ज्ञान की भी रखिये। 

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