Lok Sabha Election 2024 : कांग्रेस और पाकिस्तान ये रिश्ता क्या कहलाता है…
मोदी ने भले ही ये कहा हो कि कांग्रेस सरकार डोजियर सौंपती थी लेकिन फवाद हुसैन ने जो राहुल गाँधी का चुनाव प्रचार किया है वो भी दो-दो बार चुनाव प्रचार किया उसके लिये तो राहुल गाँधी और कांग्रेस से प्रश्न पूछना बनता है कि “ये रिश्ता क्या कहलाता है”
कांग्रेस सरकार का आतंकवाद और पाकिस्तान के प्रति क्या विचार रहा है ये देश ने कई दशकों से देखा है और प्रधानमंत्री मोदी ने उसका थोड़ा सा संकेत मात्र ही किया है। सबसे पहले कांग्रेस का पाकिस्तान से संबंध समझने के लिये हम मोदी सरकार बनने के बाद कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने जो पाकिस्तान से सरकार बदलने या पलटने के लिये सहायता की मांग की थी उसे समझेंगे।
मोदी हटाओ कांग्रेस लाओ – मणिशंकर अय्यर
मणिशंकर अय्यर ने ये चुनाव में नहीं कहा था पाकिस्तान से कहा था, जिसे बाद में कांग्रेस ने उनका निजी वक्तव्य बताकर किनारा कर लिया था। लेकिन वक्तव्य से किनारा मात्र करने का तात्पर्य है कि कांग्रेस सहमत थी, बस उत्तर देते नहीं बन रहा था तो वक्तव्य को निजी बता दिया। ये समाचार पत्र की स्क्रीन शॉट विषय को समझने में सहयोग करेगा :
फवाद चौधरी का ट्वीट क्या कहता है
पाकिस्तान के पूर्व केंद्रीय मंत्री फवाद चौधरी जो कि इमरान खान के तिकड़ी का एक प्रमुख सदस्य हुआ करता था; ने लोकसभा चुनाव 2024 में राहुल का समर्थन करते हुये दो बार ट्वीट कर राहुल और कांग्रेस के पक्ष में एक विशेष वर्ग के मतदाताओं को एकजुट करने का प्रयास किया है।
पहली बार तो 4 मई 2024 को अंग्रेजी में ट्वीट किया था जिसका स्क्रीन शॉट ऊपर दिया गया है और फिर जब अंग्रेजी के ट्वीट का प्रभाव नहीं हुआ अथवा मीडिया में अधिक चर्चित नहीं हुआ तो अगले दिन पुनः उसने हिंदी में ट्वीट किया ताकि किसी तरह से चर्चित हो और ध्रुवीकरण हो।
इस विषय में राहुल गाँधी ने या कांग्रेस ने एक बार भी नहीं कहा कि हमें शत्रु देश के नेताओं का सहयोग नहीं करना चाहिये जिससे यह समझना आसान हो जाता है कि 8 वर्ष पूर्व मणिशंकर अय्यर ने जो पाकिस्तान से कहा था वो कांग्रेस की ही भाषा थी। इस विषय में तो कांग्रेस से देश ये जानना चाहता है कि “ये रिश्ता क्या कहलाता है”
भारत के चुनाव का विषय पाकिस्तान क्यों ?
भारत के चुनाव में पाकिस्तान को विषय नहीं बनाया जाना चाहिये ये ज्ञान देने वाले वही सूरमा हैं जिन्होंने मणिशंकर अय्यर से कभी प्रश्न नहीं किया, क्षमायाचना नहीं कराई, मणिशंकर अय्यर के वक्तव्य की निंदा नहीं किया। ये वही सूरमा हैं जो पाकिस्तान के पूर्व केंद्रीय मंत्री के ट्वीट की निंदा नहीं कर रहे हैं, इसमें उन्हें वोट बैंक दिख रहा है।
इस विषय में पूरा भारत एक विचार रखता है कि जबसे पाकिस्तान बना है भारत के साथ उसने शत्रुता ही निभाया है, भारत को हानि ही पहुंचाया है, लाखों लोगों की मृत्यु का कारण है, हजारों सेना अमर हो गए पाकिस्तान से शत्रुता के कारण। प्रत्येक चुनाव में उस पाकिस्तान को विषय बनाया जाना चाहिये।
कोई तीसरा पाकिस्तान न बने, इसके लिए ये आवश्यक है कि देश की जनता पाकिस्तान बनने की पूरी सच्चाई को जाने, बार-बार याद करे । जब इस तथ्य और इतिहास को भुलाना अपने कुल्हाड़ी पर पैर मारना होगा। और जो लोग ऐसा कहने वाले हैं पाकिस्तान के विषय पर चर्चा नहीं होनी चाहिये वो लोग अर्बन नक्सल ही हैं।
देश की जनता को ये पता होना चाहिये की यदि भाजपा की सरकार बनेगी तो पाकिस्तान क्या करेगा और भारत उसका प्रत्युत्तर कैसे देगा एवं जब कांग्रेस की सरकार थी तब पाकिस्तान क्या करता था और भारत उसका प्रत्युत्तर क्या देता था।
यदि इंडि गठबंधन को ऐसा लगता है कि वो किसी और मुद्दे जैसे मंहगाई, आर्थिक विकास, गरीबी, रोजगार किसी भी विषय पर भाजपा को निरुत्तर कर सकता है तो स्मृति ईरानी ने खुली चुनौती दी है समय तुम्हारा, चैनल तुम्हारा बहस कर लो तो एक बार कोई बहस कर लो न।
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