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Election Topic : क्या आपको दो पत्नी होने का लाभ पता है ?

Election Topic : क्या आपको दो पत्नी होने का लाभ पता है ? 

कांग्रेस की जनसांख्यिकी परिवर्तन, तुष्टिकरण नीति का बड़ा उदाहरण है दो पत्नी होने पर दो लाख का लाभ मिलना। इस विषय की जानकारी देने वाले प्रत्याशी का नाम है कांतिलाल भूरिया जो रतलाम से कांग्रेस प्रत्याशी हैं।

संभव है कि इस बात पर आप विश्वास न करें लेकिन ये सत्य है कि ऐसा मध्यप्रदेश के कांग्रेस नेता जो की रतलाम से लोकसभा प्रत्याशी हैं एक चुनावी सभा में उन्होंने कहा कि जिनकी दो पत्नियां हैं उनको दो-लाख मिलेगा। 

जिनकी दो पत्नियां हैं, उन्हें 2 लाख रुपये मिलेंगे

मध्य प्रदेश के रतलाम से कांग्रेस उम्मीदवार कांतिलाल भूरिया ने एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए कहा, “… कांग्रेस की सरकार आने पर, जो हमने अपने संविधान (घोषणापत्र) में लिखा है, उसके अनुसार हर महिला के खाते में 1 लाख रुपये जमा किए जाएंगे, और जिनकी दो पत्नियां हैं, उन्हें 2 लाख रुपये मिलेंगे” , यदि किसी प्रकार की शंका हो तो नीचे उनका वायरल होने वाला चुनावी रैली का वो निंदनीय विडियो जो समाचार एजेंसी ANI के माध्यम से प्राप्त हुआ दिया गया है :

#WATCH | While addressing a public rally, Congress candidate from Madhya Pradesh's Ratlam, Kantilal Bhuria says, "…After the Congress govt comes to power, what we have written in our constitution, Rs 1 lakh will be credited in the account of every woman, and those who have 2… pic.twitter.com/xzTSXoGzH2

— ANI (@ANI) May 10, 2024

ये विषय उस चुनावी काल खंड में आया है जब जनसांख्यिकी परिवर्तन का विषय चर्चा में है और “आग में घी” का काम करने वाला है। 

कांग्रेस का वादा क्या है ?

राहुल गांधी ने अखिलेश यादव के साथ एक रैली में कांग्रेस योजना “महालक्ष्मी योजना” के बारे में बताया था। योजना के अनुसार प्रत्येक गरीब परिवारों की एक लिस्ट बनाई जायेगी, जिसमें गरीब परिवार की एक महिला को चुना जायेगा, और उसके खाते में महीने के 8500 रुपए और साल के 1 लाख रुपये यदि कांग्रेस सरकार बनती है तो भेजेगी। 

जब तक वह परिवार गरीबी रेखा से बाहर नहीं आ जाता। राहुल गांधी के वक्तव्य से स्पष्ट है कि गरीबी रेखा से नीचे वाले परिवार की मात्र एक महिला को हर महीने 8500 रुपये देने की योजना है, लेकिन कांतिलाल भूरिया ने हर महिला को एक लाख रुपये देने की बात कही।

भूरिया का विवादित वक्तव्य 

मध्य प्रदेश की रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया ने कहा “डरो मत, जो डरा वो मरा, इसलिए छाती ठोककर बात करो और 13 मई को कांग्रेस के नेता, कार्यकर्ता सबको आगे लाओ। कांग्रेस सरकार आते ही हमारा जो घोषणा पत्र है, हर महिला के खाते में एक-एक लाख रुपया जमा होगा। घर की सभी महिलाओं को एख-एक लाख मालूम है कि नहीं है, अब जिसकी दो पत्नियां हैं दो लाख जाएगा उसके घर में।” दो पत्नियों वाली बात कहने के बाद वह हंसने लगे ।

मीडिया इसे मात्र गलत वक्तव्य कहकर लीपापोती करना चाहती है। लेकिन क्या यह मात्र गलत बोलना है ? ध्यान देने की बात ये है कि जो विडियो सामने आया है उसमें जब उपरोक्त वक्तव्य देते हैं (दो पत्नियों के दो लाख मिलने वाली) तो उसके बाद हँसते भी हैं, जो किसी विशेष अर्थ की ओर संकेत करता है और यह कहना कि गलत बोला गया सिद्ध नहीं होता। 

क्यों सिद्ध नहीं होता ? क्योंकि यदि आप गलती से कोई बात बोल दें तो उसके बाद हंसते नहीं हैं और पूछते नहीं हैं की समझ रहे हैं न, अपितु गलती का सुधार करते हैं। कांतिलाल भूरिया ने अपनी गलती को नहीं सुधारा और हंसकर उन्होंने यह संकेत दिया कि जानबूझ कर को विशेष संकेत दे रहे हैं, फिर भी यदि ऐसा नहीं था और गलती का आभास हो गया तो सुधार कर लेते। 

विशेष संकेत किसे दिया 

निश्चित रूप से यह प्रश्न उठना चाहिये कि यदि विशेष संकेत दिया तो किसे दिया ?

उक्त वक्तव्य में विशेष क्या है – दो पत्नियां !

दो पत्नियां रखने का नियम किसके लिये है – वर्ग विशेष के लिये है, जो दो ही नहीं चार भी रख सकता है, ये भी कांग्रेस की ही देन है जब भी कोई कानून बनाया तो वह बहुसंख्यकों पर ही थोपा, वर्ग विशेष को हमेशा उसके मनमुताबिक कानून बनाकर देते रहे। अंततः मनमोहन सिंह के वक्तव्य से “राज की बात थी सरेआम हो गयी, तुष्टिकरण में देश की संसाधने नीलाम हो गई” 

बात आती है कि दो पत्नी कहने के बाद हंसे क्यों ?

दो पत्नियों को भी दो लाख मिलने की बात कहने के बाद हंसने के दो कारण हो सकते हैं : 

  1. प्रथम तो ये कि “न होगा बांस न बजेगी बांसुरी”, न सरकार बनेगी न देना है फिर लाख दो लाख क्या करोड़ भी कह दें तो क्या फर्क पड़ता है। 
  2. दूसरा ये कि दो को देंगे सुनकर संभवतः किसी ने पूछा था कि पत्नियां तो चार-चार होती है दो को ही क्यों तो हंसकर ये संकेत किया कि चिंता मत करो चार होने पर चार को भी देंगे लेकिन चार बोल नहीं सकते क्योंकि चार बोलने पर लीपापोती का रास्ता बंद हो जायेगा। 

इस प्रकार सरलता से ये समझा जा सकता है कि INDI गठबंधन के सभी वक्तव्य कहीं न कहीं सोच-समझ कर बनाई गयी रणनीति का हिस्सा है न की कोई गलती से कुछ बोल रहा है। जैसे वोट जिहाद का नारा आना, सैम पित्रोदा का ढिंढोरा पीटना, लालू यादव का मुसलमानों को पूरा आरक्षण देने की बात करना और दबाव पड़ने पर पीछे हटना इत्यादि। 

और एक बार हम मान लें सही में गलतियां ही हो रही है, यदि गलती ही सिद्ध कर दिया जाये तो इतनी गलतियां करने वाले लोग सरकार बनने के बाद गलती करना बंद कर देंगे क्या ? फिर तो “अंधेर नगरी चौपट राजा” चरितार्थ होने लगेगी, ये तो और भयावह है। 

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