घनघोर सनातन द्रोही अब लोगों को पूजा-पाठ-अनुष्ठान-यज्ञ भी नहीं करने देंगे
वास्तव में सनातन द्रोहियों के लिये दोनों ही निशाने पर हैं और यही कारण है कि कसाईखानों में जीवहिंसा नहीं मानते परन्तु यदि शास्त्रोक्त अधिकार का प्रयोग करते हुये यदि कोई सनातनी बलि प्रदान करे तो उसमें जीवहिंसा दिखाई देती है। सड़कों के किनारे टंगे हुये खाल छिले बकड़े इनको नहीं दिखते किन्तु मंदिरों में दी जाने वाली बलि दिखती है और अहिंसा का पाठ पढ़ाने लगते हैं।