इच्छा+स्थिरता = संकल्प, संकल्प+अथक परिश्रम = सिद्धि : मोदी
मोदी के संबोधन में राजनीतिक तथ्य ही नहीं थे आध्यात्मिक ज्ञान भी था। मोदी का ऐतिहासिक संबोधन भविष्य के लिये प्रेरणास्रोत बना रहेगा। संबोधित करते हुये मोदी एक शासक, एक विचारक, एक राष्ट्रभक्त, एक आध्यात्मिक व्यक्तित्व, एक कर्मयोगी आदि कई रूपों का समन्वय दिखाई दे रहा था।