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राष्ट्रपति का अभिभाषण वास्तविकता का चित्रांकन

राष्ट्रपति का अभिभाषण वास्तविकता का चित्रांकन

एक समय ऐसा था जब वास्तविकता जानते हुये भी उसे प्रकट नहीं किया जाता था अर्थात छुपाने का प्रयास न हो तो भी प्रकट करने से बचा जाता था। लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में देश की वर्त्तमान स्थिति का वास्तविक चित्रांकन किया गया।

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बोया पेड़ बबूल का आम कहां से होय, खतड़े में है लोकतंत्र कितना कोई रोय

बोया पेड़ बबूल का आम कहां से होय, खतड़े में है लोकतंत्र कितना कोई रोय

कहते हैं “बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय” और चुनावी राजनीति इसकी अगली पंक्ति बनाते दिख रही है “खतड़े में है लोकतंत्र कितना कोई रोय” क्योंकि देवेश चंद्र ठाकुर के इस वक्तव्य को लोकतंत्र के लिये खतड़ा सिद्ध करने का प्रयास किया जा सकता है और खान मार्केट गैंग इसी काम में माहिर है वो सिद्ध भी कर सकती है।

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इंडी गठबंधन जीत गयी NDA हार गयी

सच कोई नहीं बता रहा, इंडी गठबंधन की जीत हुई NDA की हार हुई

इंडी गठबंधन की सरकार नहीं भी बनी हो किन्तु जहां दो अंकों में नहीं जाने की चर्चा की जाती रही वहां दो अंकों से आगे बढ़ते हुये एक सबल विपक्ष बनना पिछले दो चुनावों से तुलना करने पर उत्साहवर्धक है और इसके लिये इंडी गठबंधन को विजयोत्सव मनाना चाहिये।

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विपक्ष का सनातन द्रोह

विपक्ष का सनातन द्रोह और आसुरी छाया हुआ उजागर

चुनाव के उपरांत नयी विधायिका (लोकसभा) और कार्यपालिका (सरकार) के जीवन का आरम्भ होने जा रहा है जिसके लिये मात्र मोदी को ही नहीं सभी प्रतिभागी राजनीतिक दलों व नेताओं को मंगलाचरण करना चाहिये।

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