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सबूत दो सबूत दो, मांगे देश सबूत दो

खड़गे सटासट सटक ले

ये “देश मांगे सबूत” है और सबूत हर दिन मनगढंत बातें बोलकर देश को भ्रमित करने वाली पार्टी कांग्रेस से देश सबूत मांग रहा है लेकिन देश ये भी जानता है कि कोई सबूत नहीं देने वाले, सब बोल बच्चन हैं बाद कह देंगे बोला तो बोला क्योंकि पहले भी कभी सियारों जैसे हुआ-हुआ करते हुये बोल चुके हैं “हुआ तो हुआ”

सबूत दो सबूत दो, मांगे देश सबूत दो

राहुल गांधी ने कुछ ही वर्षों में खटाखट-खटाखट कांग्रेस की खटिया खड़ी करने लगे थे और मटामट-मटामट मटिया-मेट करते उससे पहले सोनियां गांधी ने मोर्चा सम्हाला, फिर लबालब-लबालब लबने वाले खड़गे (मल्लिकार्जुन खड़गे) को 2024 में होने वाली हर की मटकी फटाफट-फटाफट फोड़ने के लिये अध्यक्ष बना दिया।

खड़गे को जब भी देखता हूँ तो एक ही दृश्य भूल ही नहीं पाता जो उनकी पीठ में राहुल गांधी के नकटी पोंछने का था। क्योंकि यही वो घटना है जिससे ये सिद्ध होता है कि खड़गे लबालब-लबालब लबने की कला जानते हैं, वैसे कई लोगों के मुंह से उनके लिये लकड़ी की काठी, काठ का घोड़ा भी सुनने को मिलता है।

खड़गे जबसे कांग्रेस के अध्यक्ष बने हैं तबसे देश उनके बारे में एक ही बात सोचता है और उसके लिये एक बच्चों का खेल जो शहर के बच्चों को तो पता नहीं होगा लेकिन गांव के बच्चा-बच्चा जानता है “पूल-पूल जाने दो, पूल गया टूट, हीरा-मोती जोड़ दो, दाम कौन देगा, पीछे वाला डिब्बा” इस खेल में पीछे वाले डिब्बे की जो स्थिति होती है उसी स्थिति में खरगे को लाने की योजना है। इसी बात को प्रधानमंत्री मोदी के साथ और भी कई बड़े-बड़े नेता बोल चुके हैं कि 2024 की हार का ठीकरा खड़गे के माथे पर फटाफट-फटाफट फोड़ने के लिये ही उन्हें अध्यक्ष बनाया गया है।

ये सब तो हास्यरस की बातें बहुत होती रहती है गंभीर बात ये है कि कांग्रेस के सभी नेता जिस तरह से झटाझट-झटाझट झूठ बोलते हैं उससे अब “देश मांगे सबूत” की स्थिति उत्पन्न हो गयी है।

देश मांगे सबूत

जब सर्जिकल स्ट्राइक हुआ था तो कांग्रेस और विपक्षियों ने सेना से सबूत मांगा था। दुबारा एयर स्ट्राइक में भी मांगा था। ये सबूत मांगने की आदत कांग्रेस और विपक्षियों को छोड़ देना चाहिये और देश को अपनी बातों का सबूत देना चाहिये। सबूत मांगने के पीछे भी ठोस कारण हैं और पहले उसको भी जानना आवश्यक है कि आखिर देश सबासब-सबासब सबूत क्यों मांग रहा है ?

  • कांग्रेस और विपक्षियों ने GST पर देश का कारोबार चौपट होने की बात कही थी जो गलत सिद्ध हो गया।
  • कांग्रेस और विपक्षियों ने चौकीदार चोर है कहा था गलत सिद्ध हो गया, कोई सबूत नहीं दे पायी।
  • राहुल गांधी ने पिछले चुनाव में कहा था देश के युवा मोदी को डंडा लेकर पीटेंगे, झूठी बात निकली, देश ने फिर से प्रधानमंत्री बना दिया।
  • कांग्रेस और विपक्षियों ने नोटबंदी से अर्थव्यवस्था चौपट हो जाने की बात कही थी, उलटा हुआ।
  • कांग्रेस और विपक्षियों ने मोबाईल में पेगासस-पेगासस का हंगामा किया था, झूठा निकला, कोई सबूत नहीं दिया।
  • कांग्रेस और विपक्ष ने अडानी-अंबानी करके शेयर मार्केट को हानि पहुंचाया जो वास्तव में देश की जनता की हानि थी और अंत में सब गलत सिद्ध हुआ।

अब कांग्रेस और विपक्षियों की स्थिति उस “भेड़िया आया – भेड़िया आया” वाले लकड़हारे जैसी हो गयी है और उनकी किसी भी बात पर भले ही वो शत-प्रतिशत सत्य क्यों न हो देश को रत्ती भर भी विश्वास नहीं होता। इसलिये कांग्रेस और विपक्षियों को जो भी कहना हो सबूत के साथ कहे नहीं तो उस लकड़हारे के साथ क्या हुआ था उसे समझ ले।

बोल बच्चन खड़गे का कथन है : मैं पूछता हूँ कोई माई का लाल पैदा हुआ है जो हमारे माताओं-बहनों का मंगलसूत्र छीन ले !

कांग्रेस का घोषणापत्र कहता है सबकी (हिन्दू की) संपत्ति का एक्सरे करके कुछ विशेष वर्ग में बांटेगे क्योंकि अल्पसंख्यकों और उनमें भी मुसलमानों का पहला हक है। ये बस घोषणापत्र नहीं है 7 दशकों तक कांग्रेस ने यही किया है। देश विभाजन, वक्फबोर्ड, धारा 370, POK इसका उदहारण है, जम्मू कश्मीर में मंगलसूत्र लूटा गया था। अब खड़गे साहब कहां से सबूत देंगे माई के लाल तो उनकी पार्टी में ही भरे परे हैं। बोल बच्चन बनकर कुछ भी बोल दिया।

पहले गरीब लोगों को इलाज के लिये मंगलसूत्र बेचना पड़ता था वो नरेंद्र मोदी ने आयुष्मान कार्ड दिया जो बचा। मोदी सरकार से पहले जो गरीबों का मंगलसूत्र छीनता था वो किस माई का लाल था आप ही बता दीजिये।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव कहते हैं : “ये देश के भविष्य का चुनाव है, संविधान को बचाने का चुनाव है। एक तरफ BJP है जो संविधान को खत्म करना चाहती है, वहीं, दूसरी तरफ INDIA गठबंधन है जो संविधान को बचाना चाहती है।”

खड़गे का कथन है : “लोकतंत्र और संविधान ने हमें सम्मान और स्वाभिमान से जीने का अधिकार दिया है। हम हर कीमत पर इसकी रक्षा करेंगे।”

राहुल गांधी कहते हैं : “संविधान की रक्षा करेंगे, लोकतंत्र को बचाएंगे।” “नरेंद्र मोदी और भाजपा गरीबों का सबसे ताकतवर हथियार ‘संविधान’ उनसे छीन लेना चाहते हैं।” कब छिना था ये भी बताईये।

लेकिन इस विषय में सबूत भी विपरीत ही है – जम्मू-कश्मीर में देश का संविधान किसने समाप्त किया था अथवा किसके कारण लागू नहीं था ? आज पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी साफ-साफ संविधान की धज्जियां उड़ाते हुये कहती है उच्च न्यायालय का आदेश नहीं मानेगी। फिर आप लोग किस संविधान की बात करते हैं। कोई और संविधान है तो सबूत दीजिये।

खड़गे साहब कहते हैं : “पहले सेना में स्थायी नौकरी मिलती थी, पेंशन और अन्य सुविधाएं मिलती थी। लेकिन नरेंद्र मोदी ने ‘अग्निवीर’ लाकर सब खत्म कर दिया।”

राहुल गांधी का कहना है : “नरेंद्र मोदी जी ने पहली बार हिंदुस्तान के जवानों को मजदूर में बदल दिया है”

देश ऐसे कैसे मान ले आप तो झटाझट-झटाझट झूठ बोलते हैं। सबूत दीजिये नरेंद्र मोदी ने सब खत्म कर दिया। जवानों को मजदूर में बदल दिया।

विपक्षी दलों को जो भी बोलना चाहिये सबूत के साथ बोलना चाहिये। “देश मांगे सबूत” विपक्षी दलों को इसका सबूत देना चाहिये।

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