
राजनीतिक झूठ कोई खेल नहीं जनता और देश के साथ छल है गंभीर अपराध घोषित हो
इसमें दो मत हो ही नहीं सकता की राजनीति और झूठ में अनन्य संबंध स्थापित हो चुका है और इसका प्रमाण यह है कि कोई भी पक्ष झूठ से अछूता नहीं है और यदि झूठ का सहारा न ले तो संभवतः सत्ता ही न मिले। राजनीति से झूठ का अंत होगा यह मानना असंभव है किन्तु प्रयास तो करना ही चाहिये।