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नूंह बस हादसा : 8 लोगों की मृत्यु 20 से अधिक घायल

ANI से प्राप्त समाचार के अनुसार बस वृन्दावन से लौट रही बस में हरियाणा के नूंह में कुंडली-मानेसर-पलवल (KMP) एक्सप्रेसवे पर आग लग गयी। आग लगने से बस में सवार 8 लोगों की मौत हो गई और 20 से अधिक घायल हो गए।

ANI के अनुसार : नूंह बस हादसे पर कांग्रेस नेता और गुड़गांव(हरियाणा) लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार राज बब्बर ने कहा, ”बहुत ही दर्दनाक और दुखद घटना है जिसमें कुछ लोग मथुरा-वृंदावन से आ रहे थे और बस में अचानक आग लग गई… 8 से ज्यादा लोगों की जलकर मृत्यु हुई है… मैं घायलों से मिलने अस्पताल जाउंगा।”

लोकसभा चुनाव पर उन्होंने कहा, ”मैं राष्ट्रीय नहीं बल्कि स्थानीय मुद्दों के बारे में सोच रहा हूं। गुड़गांव से मेरा पुराना रिश्ता है. जो लोग दिल्ली से आते हैं, उन्हें नहीं पता कि अंदरूनी इलाकों में यह जगह बहुत ही पिछड़ी हुई है… मेरी लड़ाई किसी व्यक्ति से या किसी पार्टी से नहीं बल्कि मेरी लड़ाई यहां की समस्याओं से है…”

आया ऊंट पहाड़ तले – शेर को मिला सवा शेर

एक धूर्त राजा था जो एक विशाल देश की राजधानी का मुख्यमंत्री था । उसके मुख्यमंत्री बनने की कहानी भी धूर्तता से ही आरंभ होती है। एक समय रंगे सियारों की झुंड ने राजधानी में देश के शासन के विरुद्ध एक बड़ा धरना-प्रदर्शन किया । धरना-प्रदर्शन भ्रष्टाचार-अनीति आदि के विरुद्ध था और सबने घोषणा किया कि हमलोग शासन नहीं करेंगे मात्र भ्रष्टाचार-अनीति के विरुद्ध लड़ेंगे अतः प्रजा भी साथ देने लगी।

एक दिन उसके धरना-प्रदर्शन से परेशान होकर देश के राजा ने उनकी मांगे स्वीकार कर लिया और धरना-प्रदर्शन समाप्त हो गया, किन्तु लोकतंत्र था और राजधानी की प्रजा उनलोगों को अच्छा समझने लगी तो उनलोगों ने भी पहले वचन को भंग करते हुए एक राजनीतिक दल बनाया और चुनाव में भाग लिया। चुनाव के समय भी उसका मुखिया अपने बच्चे की सौगंध खाकर कि हम राजा नहीं बनेंगे लोगों का विश्वास जीत लिया और चुनाव में जीतने के बाद बच्चे के सौगंध का भी अंतिम संस्कार करके राजधानी का मुख्यमंत्री बन बैठा।

महाधूर्त राजा
महाधूर्त राजा

प्रारम्भिक काल की राजनीतिक घटनायें ऐसी रही कि अल्पमत से बहुमत प्राप्त कर लिया। फिर विरोध से जन्म लेने वाले मुख्यमंत्री को देश का प्रदानमंत्री बनने का सपना दिखने लगा और हर दिन उसका काम की जगह देश के राजा से लड़ने में व्यतीत होने लगा। धीरे-धीरे अपने दल के भी सभी प्रभावशाली व्यक्तियों को उसने लात मारकर बाहर कर दिया, कुछ विश्वसनीय लोगों को छोड़कर।

भ्रष्टाचार और अनीति के विरुद्ध जन्म लेने वाले मुख्यमंत्री जो पहले कहा करता था पद में ही दोष है पदासीन होने पर स्वयं भी सभी दोषों की खान बन गया और यहां तक चला गया कि देश के सभी षड्यंत्रकारियों उपद्रवी तत्वों से भी सांठ-गांठ कर लिया, देश के सूचनातंत्र को येन केन प्रकारेण अपने अधीन कर लिया। फिर क्या था भ्रष्टाचार-अनीति आदि की सभी सीमाओं को लांघ कर महाभ्रष्ट बन गया किन्तु सूचनातंत्र उसके अधीन था इसलिए उसने स्वयं को और अपने दल को कट्टर ईमानदार घोषित कर दिया।

लेकिन उघरहिं अंत न होंहि निबाहू सूत्र से उसका पोल खुलने लगा फिर भी कोई उसके जैसे अनीति की सीमाओं का उल्लंघन करने वाला नहीं था सो षड्यंत्र पूर्वक बचता रहा कभी फंसा भी तो क्षमायाचना करके बचता रहा। लेकिन उसके सहयोगियों में एक ऐसी भी महिला सहयोगी थी जो सभी पैंतरों को सीखते रही और मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने लगी। धीरे-धीरे मुख्यमंत्री की पोल खुलती गई और सहयोगी जेल जाते रहे।

अंततः एकदिन वह भी जेल गया और फिर उसके सहयोगियों में मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जगने लगी सब अपने स्तर से प्रयास करने लगे लेकिन महाधूर्त मुख्यमंत्री को सबकी धूर्तता का भान था कि यदि उसने मुख्यमंत्री पद पर किसी को बिठाया तो वही उसके जेल में सड़ाने का काम करेगा इसलिए उसने जेल जाने के बाद भी अपना पद नहीं छोड़ा।

चुनाव का समय आया तो अपने षडयंत्रों से वह किसी प्रकार बाहर भी आ गया और प्रजा को भ्रमित करने लगा कि यदि वोट दोगे तो हम जेल नहीं जायेंगे लेकिन उसने न्यायपालिका में ऐसी पकड़ बना रखी थी कि न्यायपालिका उसके लिये देश की भावना के विरुद्ध जाकर भी आंखें मूंदे रखी । लेकिन उसकी वो महिला सहयोगी जो मुख्यमंत्री बनने की इच्छा रखती थी, उसके बारे में उसे ज्ञात हो गया और उसे बाहर भगाने के लिये साम-दाम-दंड-भेद का प्रयोग करने लगा। लेकिन वह सहयोगी महिला भी इतने दिनों में महाधूर्त के सभी दांव-पेंच समझ चुकी थी सो फंस नहीं पा रही थी।

तू डाल-डाल मैं पात-पात का खेल आरंभ हुआ। बात दंड प्रयोग की आई और एक दिन महाधूर्त ने बाहर भगाने के लिये घर पर बुलाकर अपने निजी सेवकों से पिटाई कराकर बाहर करने का जाल बुना । लेकिन वह महिला सहयोगी जाल में फंसी नहीं, पहले उसने भी न्यायपालिका में शिकायत नहीं किया समझौते का प्रलोभन देकर घटना की जानकारी जगजाहिर करने के षड्यंत्र में फंसाया और वह महाधूर्त फंस गया, अपने अन्य सहयोगियों से घटना को जगजाहिर करके उसे सत्य सिद्ध कर दिया।

अब जबकि महाधूर्त ने पिटाई की घटना की सत्यता को जगजाहिर किया तब उसकी महिला सहयोगी ने उसके विरुद्ध न्यायपालिका का शरण लिया। अब महाधूर्त फंस गया क्योंकि घटना की सत्यता को जगजाहिर भी स्वयं ही करवा चुका था, अब कौन सा दाव मारे कैसे झूठ कहे ? लेकिन उसके लिये निर्लज्जता की कोई सीमा तो है नहीं फिर अन्य सहयोगियों से झूठा कहने का षड्यंत्र रचने लगा लेकिन शेर का पाला सवा शेर से पड़ चुका था इसलिए सार्वजनिक रूप वह कांप रहा था।

कहानी को किसी धूर्तवाल से न जोड़ें।

कट्टर ईमानदार बनते-बनते सबसे अनैतिक मुख्यमंत्री बने केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल कभी भ्रष्टाचार और अनीति के विरुद्ध लड़ने वाले नायक की भूमिका में थे। स्वयं को कट्टर ईमानदार घोषित कर लिया था और यहां तक कह दिया था कि यदि केजरीवाल बेईमान है तो कोई भी ईमानदार नहीं है। लेकिन दुर्दिन ऐसा आया कि कभी सहयोगी रही स्वाति मालीवाल को बाहर का रास्ता दिखाने के चक्कर में ऐसे फंसे कि जो कल्पना भी नहीं की जाती वो घटनायें भी घटित हो रही है लेकिन केजरीवाल हैं कि मुख्यमंत्री बने ही रहेंगे।

बने भी क्यों न रहें जब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे रहेंगे तभी तक बचने की संभावना दिखती है, जैसे ही मुख्यमंत्री पद छोड़ा कारागार के स्थायी निवासी हो जायेंगे कोई बाहर नहीं करेगा; क्योंकि सबने उनकी धूर्तता भी तो सीखी है।

जो मुख्यमंत्री CM आवास राज्य में अपराध नियंत्रण का मुख्य भवन होता है वही CM आवास अपराध महल बन गया है। दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर FSL टीम ने जांच की और विडियोग्राफी की। CM आवास में क्राइम सीन तक कानूनी प्रक्रिया हुई किन्तु क्या मजाल कि उन्हें लज्जा की तनिक भी अनुभूति हो, नैतिकता का को पाठ याद आये। भले ही मर्यादाओं की सीमायें टूट गयी हो, लेकिन मुख्यमंत्री पद नहीं छूटेगा।

कौन सच्चा कौन झूठा

स्वाति मालीवाल को उल्टा फंसाने की धूर्तता भी आरंभ हो गयी। एक विडियो वायरल किया गया जिसमें ऐसा लगता है कि स्वाति मालीवाल ही दोषी हों। फिर आतिशी ने जबरदस्त विस्फोट किया कि स्वाति मालीवाल झूठी है भाजपा की एजेंट है, लेकिन वो इस तथ्य को कैसे नकारेगी कि आम आदमी पार्टी की तरफ से संजय सिंह ने भी घटना की पुष्टि करते हुये शर्मनाक घटना कहा और स्वाति मालीवाल के आरोप को सही बताया था। अब तो कौन सही बोला संजय सिंह या आतिशी ये भी विवाद का विषय बन गया।

संजय सिंह ने मात्र एक बार वक्तव्य देकर ही घटना की पुष्टि नहीं किया, दुबारा लखनऊ में भी जब मीडिया ने केजरीवाल को कांपते हुये देखा था तब भी लगभग केजरीवाल के सामने दुबारा घटना की पुष्टि कर चुके हैं। अब आम आदमी पार्टी स्वयं ही फिर से घटना को किस आधार पर झूठा सिद्ध कर सकती है ?

एक तरफ पुलिस की FSL टीम जांच-पड़ताल में भिड़ी थीं, दूसरी तरफ स्वाति मालीवाल ने एक्स करके CCTV से छेड़छाड़ का आरोप लगाया। आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने ट्वीट किया, “मुझे सूचना मिली है कि अब ये लोग घर के CCTV से छेड़छाड़ करवा रहा है।” वही विभव कुमार ने स्वाति मालीवाल पर ही आरोप लगाते हुये शिकायत किया है। बिभव कुमार ने शिकायत में दावा किया है कि सीएम सुरक्षा और सीएमओ स्टाफ की बार-बार आपत्ति के बावजूद स्वाति मालीवाल ने सीएम आवास में “जबरन और अवैध रूप से प्रवेश किया”।

चढ़ता पारा और आगजनी

आज :

  • उत्तर प्रदेश के रामपुर अस्पताल की एक पुरानी इमारत में आग लग गई। दमकल की गाड़ियां मौके पर मौजूद है।
  • झारखंड में जमशेदपुर के बर्मामाइंस स्थित लकड़ी गोदाम में आग लग गई।

स्वाभाविक रूप से चढ़ते पारे के साथ आगजनी की घटनायें भी बढ़ती हैं। बीते दिन देश के कई जगहों पर आग लगने की घटना हुई :

  • राजस्थान के अजमेर में एक टायर फैक्ट्री में आग लगी। अग्निशमन अधिकारी ने कहा, “हमें जानकारी मिली कि श्रीनगर गांव में एक टायर प्लांट में आग लग गई है। 3 फायर टेंडर भेजे गए हैं और आग पर काबू पाया गया। आग लगने का कारण जांच के बाद ही पता चलेगा।”
  • दिल्ली में कालका जी मेट्रो स्टेशन के पास एक बैंक्वेट हॉल में आग लग गई। दमकल की 7 गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचीं। सहायक प्रभागीय अधिकारी, राजेश कुमार शुक्ला ने कहा, “हमें शाम 6.55 बजे बैंक्वेट हॉल में आग लगने की कॉल मिली। शुरुआत में दमकल की चार गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। अभी 10 फायर टेंडर मौजूद हैं। आग लगभग बुझ चुकी है। बैंक्वेट हॉल क्षतिग्रस्त हो गया है, लेकिन कोई जनहानि नहीं हुई है।
  • दिल्ली में बवाना इंडस्ट्रियल एरिया की एक फैक्ट्री में आग लगी। दमकल की 15 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं।
  • दिल्ली के कीर्ति नगर इलाके में एक फैक्ट्री में आग लगी। दमकल की गाड़ियां मौके पर मौजूद हैं।
  • जम्मू-कश्मीर में राजौरी के दरहाल जंगल में आग लग गई। दमकल की गाड़ियां मौके पर मौजूद हैं।
  • वहीं बिहार के पटना (दीघा क्षेत्र) में 3 वर्ष के एक बच्चे का शव मिलने पर स्कूल में आगजनी करने की घटना भी हुई।

कांग्रेस के कारण ही भारत आज विकसित राष्ट्र नहीं है

आज मुंबई में एक चुनावी सभा को सम्बोधित करते हुये मोदी ने एक ऐसा सच बताया है जो प्रत्येक भारतीय को गंभीरता से समझने की आवश्यकता है। यद्यपि मोदी ने मात्र संक्षेप में बताया है लेकिन देश के बुद्धिजीवी वर्ग को, मीडिया को इस विषय पर गंभीरता से विमर्श करने की अपेक्षा है। भले ही मोदी को गलत सिद्ध करने के लिये करें लेकिन अभी भी इन स्वघोषित बुद्धिजीवियों और निष्पक्ष मीडिया को चुनावी मुद्दा कहकर विमर्श से मुंह नहीं मोड़ना चाहिये।

मुंबई के शिवाजी पार्क में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “आजादी के बाद गांधी जी की सलाह पर अगर कांग्रेस को भंग कर दिया गया होता, तो आज भारत कम से कम पांच दशक आगे होता। आजादी के बाद भारत की सभी व्यवस्थाओं का जो कांग्रेसीकरण हुआ, उसने देश के पांच दशक बर्बाद किए हैं”

जितने भी मुद्दे आप स्वयं ही कहते हैं कि चुनाव के ये मुद्दे होने चाहिये उन्हीं मुद्दों का तुलनात्मक विश्लेषण देश के समक्ष प्रस्तुत कीजिये। होना तो ये चाहिये कि मोदी के 10 वर्ष (2014 – 2024) की तुलना कांग्रेस के 10 वर्ष (2004 – 2014) में हुये कार्यों की तुलना की जाय। परन्तु मोदी तो अपने 10 वर्षों के दो कार्यकाल में किये गये कामों की तुलना कांग्रेस के 5 दशकों के कामों से भी करने को तैयार हैं।

इसमें भी निर्लज्जता की सभी सीमाओं का अतिक्रमण करते हुये तुलनात्मक अध्ययन करना ही नहीं चाहते तो ये देश के प्रति किसी छल से कम नहीं है और भविष्य के इतिहास में कथित बुद्धिजीवियों और निष्पक्ष मीडिया को गालियों के अतिरिक्त कुछ नहीं मिलेगा और लज्जा से उनके वंशजों का सिर झुकेगा। यदि कथित बुद्धिजीवी और निष्पक्ष मीडिया के लोग अपने वंशजों की दृष्टि में ही नहीं गिरना चाहते, उनका सिर नीचा नहीं करना चाहते तो अभी भी सही रास्ते पर आ जाना चाहिये।

  • आप लोग मंहगाई को मुद्दा घोषित करते हैं तो बताईये कि पहले मंहगाई दर क्या रहा और मोदी के कार्यकाल में क्या रहा ?
  • विकास को मुद्दा कहते हैं तो बताईये कि पहले कितना निर्माण होता था, मोदी के कार्यकाल में कितना निर्माण हुआ।
  • आर्थिक स्थिति मुद्दा है तो बताईये कि पहले देश कितने नंबर पर था मोदी कार्यकाल में कितने नंबर पर गया।
  • नौकरी मुद्दा है तो बताईये कि पहले प्रतिवर्ष कितने नौकरी दिये जाते थे और मोदी के कार्यकाल में कितनी नौकरियां दी गयी।
  • रोजगार मुद्दा है तो बताईये कि पहले कितने प्रतिशत लोग बेरोजगार रहते थे वर्तमान में कितने।
  • गरीबी मुद्दा है तो बताईये कि पहले प्रतिवर्ष कितने प्रतिशत गरीब गरीबी रेखा से बाहर आते थे मोदी के कार्यकाल में कितने आये।

स्वाति मालीवाल निकली भाजपा एजेंट : आतिशी का विस्फोट

आतिशी के पास उच्चतम गुणवत्ता के विस्फोटक हैं जिससे भाजपा को बचकर रहना चाहिये। AAP सांसद स्वाति मालीवाल मारपीट मामले पर AAP नेत्री और दिल्ली की मंत्री आतिशी ने देश को एक विस्फोटक राज बताया, आतिशी ने भाजपा के ऊपर षड्यंत्र का आरोप लगाते हुये कहा :

“जब से अरविंद केजरीवाल को जमानत मिली है, तब से बीजेपी बौखलाई हुई है। इसी बौखलाट के तहत बीजेपी ने एक साजिश रची, जिसके तहत 13 मई की सुबह स्वाति मालीवाल को अरविंद केजरीवाल के घर भेजा गया। स्वाति मालीवाल इस साजिश का चेहरा और मोहरा थीं। उनका इरादा सीएम पर आरोप लगाने का था लेकिन सीएम उस वक्त वहां नहीं थे इसलिए वह बचा गए।”

“इसके बाद स्वाति मालीवाल ने पुलिस को दी शिकायत में कहा कि उनके साथ मारपीट की गई। आज जो वीडियो सामने आया है उसमें वह सीएम आवास के ड्राइंग रूम में आराम से बैठी हुई हैं और पुलिस अधिकारियों को धमकी दे रही हैं। वीडियो में वह विभव कुमार को भी धमकी देती नजर आ रही हैं। वीडियो में न तो उनके कपड़े फटे हैं और न ही उनके सिर पर कोई चोट नजर आ रही है …”

वैसे आतिशी के इस विस्फोट पर एक प्रश्न बनता है जिसका उत्तर आतिशी को देना चाहिये : ऐसा घूंसा और थप्पड़ या लात मारना किसे आता है जिससे कपड़े फट जायें, और चोट सिर पर दिखे ? ऐसे दिव्य ज्ञानी को तो दिल्ली का मंत्री बनाना अपमान करना है इसे तो विश्व का ज्ञान मंत्री बना देना चाहिये।

संयुक्त राष्ट्र ने भारत के आर्थिक विकास के अनुमान को संशोधित कर 7% किया

RT Hindi से प्राप्त समाचार के अनुसार : यूएन की ओर से गुरुवार को ‘2024 के मध्य तक विश्व आर्थिक स्थिति और संभावनाओं’ पर जारी रिपोर्ट के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था 2024 में 6.9 प्रतिशत और 2025 में 6.6 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है जो मुख्य रूप से मजबूत सार्वजनिक निवेश और लचीली निजी खपत से प्रेरित है। इसमें कहा गया है कि कमजोर बाहरी मांग का माल निर्यात वृद्धि पर असर जारी रहेगा। लेकिन फार्मास्यूटिकल्स और रसायनों के निर्यात में जोरदार इजाफे की उम्मीद है।

संयुक्त राष्ट्र ने इससे पहले जनवरी में अपने पूर्वानुमान में साल 2024 के लिए भारत की विकास दर 6.2 बताई थी।

पहली बार राजनीतिक दल आरोपी बनी

द‍िल्‍ली शराब घोटाले में आज एक बड़ा अपडेट आया है। शराब घोटाले की घटना में जांच एजेंसी ED ने शुक्रवार को सातवीं सप्‍लीमेंट्री फाइल लगायी। ऐसा पहली बार हुआ है जब ED ने किसी राजनीतिक दल को मनी लॉन्ड्रिंग जांच में आरोपी बनाया है। इस सप्‍लीमेंट्री चार्जशीट में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को भी आरोपी बनाया गया है। शराब घोटाले मामले मे ED ने अबतक कुल 8 चार्जशीट दाखिल की हैं, इसमें 1 मेन चार्जशीट और 7 सप्लीमेंट्री चार्जशीट हैं।

बुलडोजर चलाने का ट्यूशन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को बाराबंकी चुनावी सभा को सम्बोधित करते हुये कहा : “अगर कांग्रेस आई तो राममंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला बदल देगी। कांग्रेस राम मंदिर पर बुलडोजर चलवा देगी।” साथ ही उन्होंने बुलडोजर चलाने से पहले उसका ट्रेनिंग लेने के लिये इंडी गठबंधन को यह संदेश भी दिया कि “अरे जरा योगी जी से लो कि कहां बुलडोजर चलाना है और कहां नहीं।” उन्होंने कहा कि आपके एक वोट की ताकत ने 500 साल के इंतजार को खत्म करके भव्य राममंदिर में श्रीरामलला को विराजमान कराया।

बुलडोजर चलाने का ट्यूशन योगी जी से लो

साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि इस ऊटपटांग खिचड़ी को आप लोग वोट देकर अपना वोट बर्बाद न करें। भाजपा का सांसद होगा तो दिल्ली और लखनऊ से योजनाएं लेकर आएगा। अगर इंडी गठबंधन का सांसद होगा तो उसका मापदंड होगा कि उसने मोदी को कितनी गाली दी। 5 साल मोदी को गाली नहीं, क्षेत्र का विकास करने वाला सांसद चाहिए। इसके लिए आपके पास एक ही विकल्प है वनली कमल।


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