Headlines

लव जिहाद का घिनौना सच – कट्टर मुसलमान भी सेकुलर का स्वांग रचते हैं

लव जिहाद

लव जिहाद का अध्याय नया नहीं है लेकिन इस पर चर्चा निश्चित रूप से नयी है। जो लोग दहेज-पर्दा आदि प्रथाओं के कटु आलोचक रहे हैं उनमें से किसी ने कभी लव जिहाद पर मौन नहीं तोड़ा लेकिन यदि कोई चर्चा करके घिनौना सच सामने लाने का प्रयास भी करे तो उसे सिरे से नकारने का भी कुकर्म करते रहे हैं। इस आलेख में लव जिहाद की एक तात्कालिक घटना पर चर्चा किया गया है।

लव जिहाद का घिनौना सच – कट्टर मुसलमान भी सेकुलर का स्वांग रचते हैं

इस पोस्ट का आधार ऑप इंडिया में प्रकाशित समाचार है “दिखाता खुद को सेकुलर है, पर है कट्टर इस्लामी’ : हिंदू पीड़िता ने बताया आकिब मीर ने कैसे फँसाया निकाह के जाल में, ठगे ₹42 लाख भी”

सोशल मीडिया पर 20 मई 2024 को एक वीडियो सामने आई थी जिसमें एक व्यक्ति अपनी पत्नी की दर्दनाक पिटाई कर रहा था। छानबीन से ज्ञात हुआ कि हिंसक व्यक्ति का नाम आकिब मीर है जो जम्मू के बठांडी में रहता है और कुछ काल पूर्व इसने हिंदू बनने का दिखावा करके एक हिंदू महिला को फँसाया था।

आकिब मीर के विरुद्ध केस दर्ज हो गया है। पीड़िता के आरोप सुन मीर पर आईपीसी की धारा 376, 420,400, 504, 506 और 34 लगाई गई है।

ऑप इंडिया से प्राप्त

कैसे मिले

ऑप इंडिया के अनुसार FIR में पीड़िता ने बताया कि आकिब के साथ कॉन्टैक्ट में आने से पहले वो शादीशुदा थी और उसका एक बेटा भी था, लेकिन उसका पति शराबी था और लगातार बीमार रहता था… इस वजह से वह काफी तनाव में रहती थी और भावनात्मक तौर पर काफी कमजोर हो गई थी। कुछ समय बाद वह उससे अलग हो गई। इस बीच आकिब के साथ उसकी बातचीत इंस्टाग्राम पर शुरू हुई। आकिब ने स्वयं को हिन्दू बताते हुये रवि राजपूत नाम बताया, दोनों धीरे-धीरे एक दूसरे के निकट आ गये।

सहानुभूति का बहाना बनाकर छद्म नाम से निशाना बनाना : इस तथ्य को किसी भी तरह नहीं नकारा जा सकता कि सहानुभूति का बहाना बनाकर छद्म नाम से निशाना बनाने का सोचा-समझा षड्यंत्र रचा गया।

यह जानते हुये कि महिला विवाहित है आकिब ने जान-बूझकर रवि राजपूत बनकर निकट आया। कुछ समय बाद पता चला कि वो रवि राजपूत नहीं आकिब मीर है, जब पूछा तो उसने कहा कि वो हिंदू इसलिए बना ताकि वो उसके विश्वास को जीत सके। उसने महिला को ये कहकर बरगलाया कि वो नहीं चाहता था कि महिला किसी और प्रकार के तनाव में आए, क्योंकि उसकी जिंदगी में पहले ही इतना तनाव था।

इसी बीच आकिब ने महिला को प्रपोज किया और साथ ही वादा किया कि वो महिला के बेटे का भी ख्याल रखेगा। जब महिला ने निकाह को इनकार किया तो आकिब ने अपना असली रंग दिखाना शुरू किया। आकिब ने कहा कि अगर महिला ऐसा नहीं करेगी तो वो उसके बेटे को मार देगा। फिर महिला को बच्चे के साथ अपने घर ले गया और के दिन किसी कागज पर हस्ताक्षर कर लिया जो निकाहनामा था, यह महिला को बाद में पता चला।

कुछ समय बाद 42 लाख के जेवर भी महिला ने बेचा जो आकिब और एक अन्य प्रॉपर्टी डीलर ने ठग लिये। महिला का कहना है कि आकिब सोशल मीडिया पर अपने आप को सेकुलर दिखाता है लेकिन असल में वो इस्लामी है। उसने महिला को साफ कहा हुआ था कि वो हिंदू देवी-देवताओं की पूजा न करे। इसके अलावा अन्य महिलाओं के साथ रहने की उसकी आदत भी लगातार बढ़ती जा रही थी। सवाल-जवाब करने पर वो मारपीट करता था। जब हर चीज की अति हो गई तब महिला ने उस घर को छोड़ दिया।

अलग-अलग जिहाद

जिहाद को कुछ लोग शाब्दिक अर्थ बताते हुये अनुपम और अच्छा भी घोषित करते हैं। लेकिन भारत और पूरे विश्व ने जिहाद का जो रूप देखा है वो आतंकवाद का ही दूसरा पहलू है। भारत में जिहाद का अलग-अलग रूप भी देखा जैसे लव जिहाद, भूमि जिहाद, जनसंख्या जिहाद और इसमें एक नया नाम वोट जिहाद भी जुड़ गया है। जिहाद वो सोच है जिससे इस्लाम मुक्त नहीं हो सकता। आकिब मीर का पहले भारतीय जनता पार्टी से भी कनेक्शन जुड़ा था लेकिन अनेकों महिलाओं की शिकायतें आने के बाद पार्टी ने उसे 2019 में ही निकाल दिया था।

जिहाद का मजहबी अर्थ जो भी हो, भूमि पर इसका स्वरूप जो देखा जाता है वह है गैर-इस्लामियों का विभिन्न षड्यंत्रों द्वारा इस्लामी करण, संपत्ति का अपहरण। जिहाद करने वाले मुख्य दल के अतिरिक्त भी अन्य कई वर्गों में विभाजित होकर अलग-अलग स्तर पर कार्य भी करते देखे जाते हैं : जैसे राजनीतिक वर्ग, कानूनी वर्ग, मीडिया वर्ग, बौद्धिक वर्ग इत्यादि। सभी वर्ग अपने-अपने स्तर पर जिहाद का बचाव करते हैं।

2021 में सिमी (स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) के 12 आतंकियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। इनमें से कई आतंकी इंजीनियरिंग के छात्र थे और जांच में सबका संबंध आतंकी संगठन मुजाहिद्दीन के साथ सामने आया था। ये लोग अपने संगठन से लोगों को जोड़कर उन्हें बम बनाने की ट्रेनिंग भी देते थे।

2022 में गोरखनाथ मंदिर पर हमला की एक घटना हुई थी जिसमें हमला करने वाला मुर्तजा अब्बासी ने पीएसी जवानों को धारदार हथियार से घायल करके मंदिर में घुसने का प्रयास कर रहा था और रोके जाने पर अल्लाह-हू-अकबर चिल्ला रहा था। उसके बारे में भी यह ज्ञात हुआ था कि वह केमिकल इंजीनियर था।

जिहाद को तो छोड़ ही दें ये संरक्षक वर्ग प्रत्यक्ष रूप से आतंकवादियों का भी बचाव करते पाये गये हैं। संरक्षक वर्ग कभी बुरहान वानी को हेडमास्टर का बेटा होने की बात जनता को बताते हैं तो कभी आतंकी जाकिर मूसा के बाइक और जूते पर फिदा हो जाते हैं।

राजनीतिक और कानूनी संरक्षकों को भी देश देख चुका है कि किस प्रकार रात के 2 बजे सर्वोच्च न्यायालय को आतंकवादियों के फांसी को रोकने के लिये खुलवाया जाता है। कौन-कौन वकील, नेता इनका बचाव करते हैं देश जानने और समझने लगा है और इसी कारण देश को असहिष्णुता का डंक भी मारा गया था।

शक्तिशाली न्यायपालिका
शक्तिशाली न्यायपालिका
बुझते दिये की तरह भभकते केजरीवाल
बुझते दिये की तरह भभकते केजरीवाल
टीविया
टीविया

Discover more from Kya Samachar hai

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Discover more from Kya Samachar hai

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading