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केजरीवाल की हत्या के षड्यंत्र पर बड़ा खुलासा – टीविया

टीविया

कल जब धरना प्रदर्शन फुस्स होने के बाद आम आदमी पार्टी और केजरीवाल टीवी से बाहर हो गई तो छटपटाहट में एक नया अध्याय जुड़ गया। आम आदमी पार्टी और केजरीवाल को एक भयंकर रोग है टीवीयाना । इसका रोगी हमेशा टीवी में अपने-आप को दिखाना, अपनी चर्चा चाहता है। अब इस टीविया रोग की शिकार आम आदमी पार्टी की ओर से AAP नेता संजय सिंह ने एक बड़ा खुलासा किया जिससे आशा करते हैं कि कम-से-कम दो-तीन दिन तो टीवी में बने रहेंगे।

केजरीवाल की हत्या के षड्यंत्र पर बड़ा खुलासा

AAP नेता संजय सिंह ने कुछ पेपर दिखाते हुए कहा कि हमारे मुख्यमंत्री केजरीवाल के हत्या की धमकी दी गई है । यदि केजरीवाल जी को खरोंच भी आती है तो उसके जिम्मेवार PMO प्रधानमंत्री मोदी होंगे। संभवतः एक सांसद होते हुए भी संजय सिंह को ये ज्ञात नहीं की PMO के पास कितनी शक्ति होती है।

राजीव चौक मेट्रो स्टेशन, पटेल नगर मेट्रो स्टेशन पर धमकी लिखा होना बताया है। साथ ही किसी अंकित गोयल नाम के व्यक्ति को भी संलिप्त बताया है।

धमकी देने वाला कौन ?

संजय सिंह के अनुसार PMO & भाजपा है।

लेकिन यदि चुनाव समर के अनुसार विचार करें तो ये आम आदमी पार्टी के स्वयं का ही षड्यंत्र प्रतीत होता है और इसके दो कारण भी हैं :

  • पहला कारण तो सहानुभूति का लाभ पाना है।
  • दूसरा कारण टीविया नामक रोग है।

धमकी सच भी हो सकती है जो खालिस्तानी आतंकी पन्नू का हो । उसने तो कुछ दिनों पहले वीडियो भी प्रसारित किया था ।  और उसकी वास्तविक धमकी से बचने के लिये भी PMO को घसीटा गया हो।

संभवतः PMO की सक्रियता के बिना बचना संभव न हो। स्लीपर सेल के बारे में भी संजय सिंह ने कहा, स्लीपर सेल तो आतंकवादियों के ही होते हैं।

केजरीवाल की हत्या के षड्यंत्र पर बड़ा खुलासा
केजरीवाल की हत्या के षड्यंत्र पर बड़ा खुलासा

टीविया नामक रोग कैसे कहा जा सकता है, क्योंकि संजय सिंह स्वयं कह रहे हैं कहीं पर कुछ नहीं, सब सन्नाटा। मतलब कोई टीवी पर दिखा क्यों नहीं रहा है। संजय सिंह से कुछ देर पहले सौरव भरद्वाज ने भी बताया था। और उसके बाद किसी ने कहीं गंभीरता से नहीं लिया तो संजय सिंह बौखला गये आखिर क्यों नहीं टीवी पर दिखाया जा रहा है और बौखलाते हुये मर्या

टीविया : यह एक गंभीर रोग है जो केजरीवाल के क्रियाकलापों से ज्ञात होता है। जैसे गेम खेलने पर उसकी लत लग जाती है, नशे की लत लग जाती है। जब से अन्ना आंदोलन आरम्भ हुआ था तब से वर्तमान तक केजरीवाल टेलीविजन पर निरंतर आते ही रहे हैं। यदि तुलना किया जाय तो देश के प्रधानमंत्री भी टीवी पर उतना नहीं आये होंगे जितना केजरीवाल आया है। टीवी पर आने की यही लत टीविया है और केजरीवाल को इसकी गंभीर लत है।


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