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दिल्ली स्कूलों में बम की धमकी भरा ईमेल क्या है पूरा मामला ? Delhi Schools Bomb

दिल्ली स्कूलों में बम की धमकी भरा ईमेल क्या है पूरा मामला ? Delhi Schools Bomb  

दिल्ली को डराने के लिये स्कूलों में बम की धमकी, किसी प्रकार से डर का माहौल नहीं।  


1 मई 2024 की सुबह का आरम्भ दिल्ली स्कूलों में बम की धमकी के साथ, पूरी दिल्ली में डर का माहौल बनाने का प्रयास। 4:30 से 5:00 बजे सुबह 80 से अधिक स्कूलों में बम होने की धमकी भरा ईमेल आया। 

8:00 am से ईमेल का पता चलना शुरू हुआ, टीवी चैनलों पर चर्चा शुरू हो गयी। स्कूलों ही नहीं अभिभावकों तक में दहशत का माहौल बना। पुलिस, बम स्क्वाड, दमकल विभाग की टीमें सक्रिय हो गई, जाँच शुरू हुई और कुछ देर में ये स्पष्ट हो गया कि कहीं किसी प्रकार का कोई बम नहीं था।

 

एनसीआर के कई स्कूलों में बम की धमकी पर दिल्ली पुलिस पीआरओ सुमन नलवा ने कहा, “कई स्कूलों ने हमसे संपर्क किया है कि उन्हें अपने परिसर में बम के बारे में एक ईमेल मिला है। दिल्ली पुलिस ने तलाशी अभियान चलाया है, लेकिन कुछ भी अप्रिय नहीं मिला है। ऐसा लगता है कि किसी ने दहशत पैदा करने के लिए ऐसा किया है। अभिभावकों से अनुरोध है कि वे घबराएं नहीं। हम इस संबंध में जांच कर रहे हैं।”

लेकिन अभिभावकों में डर का माहौल बन गया था, सभी अपने बच्चों को लेने के लिये स्कूल जाने लगे। स्कूलों में भीड़ जमा होने लगी, स्कूल प्रशासन ये समझाने का प्रयास कर रहा था कोई बम नहीं मिला, कोई खतड़ा नहीं है फिर भी यदि आप अपने बच्चों को ले जाना चाहें तो शांति पूर्वक ले जायें। 

दोपहर आरम्भ होने तक ये स्पष्ट हो गया कि किसी प्रकार से डरने वाली कोई बात नहीं है किन्तु स्थिति नियंत्रित होने में थोड़ा और समय लगा। दोपहर में ही साढ़े ग्यारह बजे दिल्ली पुलिस ने ये स्पष्ट कर दिया कि स्थिति नियंत्रित है और किसी प्रकार से डरने वाली कोई बात नहीं है। 

 

घटना की गंभीरता 

ये कोई सामान्य घटना नहीं है दिल्ली देश की राजधानी है और वहां लोगों को भयभीत करने का कुप्रयास किया गया है, और ये केवल दिल्ली के लोगों को डराने का प्रयास नहीं था पूरे देश को डराने का प्रयास था। सरकार तुरंत सक्रिय हो गयी और गंभीरता से विभिन्न तंत्रों का प्रयोग करते हुये जांच आरम्भ कर दिया गया है। विदेशी ईमेल से मेल भेजने की चर्चा समाचार चैनलों पर की गई है। 

कौन हो सकता है मास्टर माइंड ?

ये स्पष्ट हो जाने के बाद कि घटना गंभीर है उसमें भी चुनाव का समय होने से और भी अधिक संवेदनशील है क्योंकि इससे चुनाव भी प्रभावित हो सकते हैं अथवा हो न हो चुनाव को ही प्रभावित करने के उद्देश्य से किया गया हो। अधिकतर संभावना तो यही बनती दिख रही है। 

आतंकी घटना : सरकार हमेशा दावा करती रही है कि पहले हर जगह धमाके होते थे अब धमाके को लोग भूल गये हैं, धमाका न कर सकते तो सनसनी का धमाका ही कर लिया। लेकिन ऐसा कुछ होगा यह मानना मुश्किल है। 

चुनावी षड्यंत्र : इस बात की पूर्ण संभावना है कि ये चुनावी षड्यंत्र हो और मोदी सरकार को नीचा दिखाकर चुनावी मात देने के लिये अथवा ये दिखाने के लिये कि हम ऐसा भी कर सकते हैं किया गया हो। क्योंकि बहुत दिनों से अलग-अलग नेताओं द्वारा आग लगने या लगाने की बात (प्रछन्न धमकी) किया जाता रहा है और चुनावी घटनाक्रम भी यह बता रहा है कि कोई टूलकिट काम कर रहा है, जैसे : 

बहुत सारे ऐसे राष्ट्रवादी हैं जो पहले से सरकार को सजग कर रहे हैं कि इस बार विपक्ष चुनाव से नहीं दाव से कुछ उलट-पुलट करने का जुगाड़ कर रही है। वैसे सरकार तो कोई भी तथ्य पुष्टि के बाद ही कह सकती है, लेकिन विपक्ष को प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं होती वो किसी भी चीज का आरोप सरकार पर लगा सकती है, लगाती है। 

क्या राष्ट्रवादी को विपक्ष को इतना गिरा हुआ मानते हैं 

नहीं राष्ट्रवादी विपक्ष को इतना गिरा हुआ नहीं मानते हैं किन्तु विपक्ष की गतिविधियां इसी और इशारा करती है कि विपक्ष को मात्र सत्तासुख चाहिये चाहे जैसे मिले। 

हमें लगता है इतने कारण पर्याप्त हैं जो विपक्ष को अविश्वासी सिद्ध करते हैं और ये भी सिद्ध करते हैं की सत्तासुख की लिये किसी भी हद तक जा सकते हैं। और वर्त्तमान में बात मात्र सत्तासुख की नहीं है अब तो बहुत आगे बढ़ गई है यदि मोदी सरकार पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आयी तो और भी बहुत सारे विपक्षी नेता जेल में दिखेंगे। 

जेल में जाने का भय तो ऐसा है कि किसी भी हद को पार कर सकते हैं। यदि सफल हो गये तो सत्ता मिल जायेगी और बच जायेंगे। यदि असफल हो गये तो कोई विशेष फर्क नहीं पड़ने वाला है ऐसे भी जेल जायेंगे वैसे भी जेल जायेंगे। और जेल जाने की बात विपक्षी नेताओं ने भी स्वीकार करी है तो मोदी भी सभी भ्रष्टाचारियों को जेल भेजने की बात केवल बोलते नहीं भेज भी रहे हैं। 

कुल मिलकर 99% तक ये संभावना बन रही है कि विपक्ष का टूलकिट काम कर रहा है। वास्तविक स्थिति तो जांच के उपरांत ही स्पष्ट होगी। 

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