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RSS & BJP, उछल रही है क्यों इंडि

RSS & BJP, उछल रही है क्यों इंडि

उपरोक्त मतभेद होने के उपरांत भी ऐसा नहीं है कि परस्पर शत्रुता है परिवार में भी मतभेद होते हैं, पति-पत्नी में भी होता है और पिता-पुत्र में भी होता है इसका तात्पर्य यह नहीं होता कि वो परस्पर शत्रु बन जाते हैं। अर्थात मतभेद के कारण हाथ खींचा जाय और भाजपा को अकेला छोड़ दिया जाय यह दूरदृष्टि संपन्न RSS के अनुकूल प्रतीत नहीं होता।

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क्या मोदी मूर्ख हैं

क्या मोदी मूर्ख हैं – is modi a fool

जब RSS सनातन के संदर्भ में ऐसी धारणा रख सकती है कि “जो RSS कहे वही सही, शास्त्र वचन आई-गई” तो राष्ट्रहित-राष्ट्रवाद में तो निश्चित रूप से ऐसा कर सकती है क्योंकि वहां तो कोई शास्त्र है ही नहीं।

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