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लव जिहाद

लव जिहाद होता क्यों है, पूछो तो रोता क्यों है ?

लव जिहाद की कोई न कोई घटना लगभग हर दिन होती है लेकिन चट्टे-बट्टे अधिकतर सोये रहते हैं, देश से छुपा लेते हैं। अब तीसरे कार्यकाल से पहले चुनावी सभा प्रधानमंत्री मोदी ने लव का प्रसंग उठाया है मतलब साफ है आगे प्रहार होने वाला है।

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जो बात का पक्का हो वो केजरीवाल नहीं

जो वचन का पक्का हो जाये वो केजरीवाल नहीं

महापुरुष कट्टर ईमानदार अरविन्द केजरीवाल हैं जो राजनेताओं का लक्षण दिखा रहे हैं “जो वचन का पक्का हो जाये वो राजनेता कैसा” और टक्कर उस मोदी से लेते हैं जिसके वचन का महत्व है।

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खड़गे सटासट सटक ले

सबूत दो सबूत दो, मांगे देश सबूत दो

राहुल गांधी ने कुछ ही वर्षों में खटाखट-खटाखट कांग्रेस की खटिया खड़ी करने लगे थे और मटामट-मटामट मटिया-मेट करते उससे पहले सोनियां गांधी ने मोर्चा सम्हाला, फिर लबालब-लबालब लबने वाले खड़गे (मल्लिकार्जुन खड़गे) को 2024 में होने वाली हर की मटकी फटाफट-फटाफट फोड़ने के लिये अध्यक्ष बना दिया।

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स्वस्थ लोकतंत्र की अनिवार्य शर्त

अच्छा विपक्ष स्वस्थ लोकतंत्र की अनिवार्य शर्त, अच्छे विपक्ष का न होना कमी

विपक्ष को अभी भी चाहिये कि ज्ञानवापी, मथुरा कृष्ण जन्मभूमि आदि को देश की सांस्कृतिक विरासत स्वीकारे और विवाद का संवाद से शीघ्र समाधान हो ऐसा प्रयास करे। भगवा को, देश के ग्रंथों को सांप्रदायिक कहना बंद करे। कुर्ते पर जनेऊ धारण करने से देश विपक्ष को सनातनी नहीं स्वीकारेगा।

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बुझते दिये की तरह भभकते केजरीवाल

बुझते दिये की तरह भभकते केजरीवाल – लुटिया डूबी

देश ने दिल्ली की राजनीति में एक दशक से जिस प्रकार का परिवर्तन देखा उससे आहत हैं। दिल्ली कोई राज्य नहीं केन्द्र शासित प्रदेश है और देश की राजधानी है। देश की राजधानी में तो अलग से चुनाव होने ही नहीं चाहिये, पूर्णतः केन्द्र के अधीन होना चाहिये क्योंकि देश की राजधानी है।

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आया ऊंट पहाड़ तले – शेर को मिला सवा शेर

 आया ऊंट पहाड़ तले – शेर को मिला सवा शेर एक धूर्त राजा था जो एक विशाल देश की राजधानी का मुख्यमंत्री था । उसके मुख्यमंत्री बनने की कहानी भी धूर्तता से ही आरंभ होती है। एक समय रंगे सियारों की झुंड ने राजधानी में देश के शासन के विरुद्ध एक बड़ा धरना-प्रदर्शन किया ।…

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न्याय में राजनीति और निष्पक्ष न्याय | राजनीतिक न्याय का सरोकार किससे है ?

 न्याय में राजनीति और खटाखट खटाखट निष्पक्ष न्याय | राजनीतिक न्याय का सरोकार किससे है ? हम वर्त्तमान में देख रहे हैं खटाखट खटाखट राजनीतिक न्याय। राजनीतिक न्याय क्या है, राजनीतिक न्याय निष्पक्ष कैसे हो सकता है ? न्याय में राजनीति और राजनीतिक न्याय निष्पक्ष न्याय से कितना अलग है और ये तीनों किस प्रकार…

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ये बेल का खेल है क्या जनता जानना चाहती है : Bail ka khail

 ये बेल का खेल है क्या जनता जानना चाहती है ?  आम जनता एक ऐसे मामले में भी फंस जाये जिससे उसका कोई लेना-देना नहीं होता तो भी उसे बेल के लिये महीनों लग जाते हैं। वहीं वो लोग जिनके कृत्य-विडियो सार्वजनिक हों, फिर भी यदि विशेष विचारधारा से जुड़े हों तो कैसे खटाखट बेल…

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जिनको भिखमंगे पाकिस्तान से प्रेम है वो पाकिस्तान चले जायें : योगी

 जिनको भिखमंगे पाकिस्तान से प्रेम है वो पाकिस्तान चले जायें : योगी  ये स्वतंत्र भारत सबसे विचित्र विडम्बना है कि पहले तो एक विशेष वर्ग ने देश के टुकड़े करके बड़ा भूभाग अधिकृत कर लिया और फिर निर्लज्ज बनकर भारत में रहकर भी पाकिस्तान से प्रेम करता है। यद्यपि ये नहीं कहा जा सकता पाकिस्तान…

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Election 2024 : चट्टे-बट्टे और चुनाव के मुद्दे

Election 2024 : चट्टे-बट्टे और चुनाव के मुद्दे  जब प्रधनमंत्री मोदी ने चट्टे-बट्टे कहा तो विमर्श का एक विषय “चट्टे-बट्टे” स्वयं ही बन गये। लेकिन विमर्श करे तो कौन करे स्वयं चट्टे-बट्टे ही “चट्टे-बट्टे” पर विमर्श कैसे करे ? सोशल मीडिया पर विमर्श का विषय बन गये निर्लज्ज “चट्टे-बट्टे”।  प्रधानमंत्री मोदी और चट्टे-बट्टे  लोकसभा चुनाव 2024…

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