RSS & BJP, उछल रही है क्यों इंडि
उपरोक्त मतभेद होने के उपरांत भी ऐसा नहीं है कि परस्पर शत्रुता है परिवार में भी मतभेद होते हैं, पति-पत्नी में भी होता है और पिता-पुत्र में भी होता है इसका तात्पर्य यह नहीं होता कि वो परस्पर शत्रु बन जाते हैं। अर्थात मतभेद के कारण हाथ खींचा जाय और भाजपा को अकेला छोड़ दिया जाय यह दूरदृष्टि संपन्न RSS के अनुकूल प्रतीत नहीं होता।