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कहर बरपाती हार की आग, अलापने लगे EVM राग

EVM राग

लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा से भी पहले से भाजपा को ज्ञात है कि प्रचंड जीत प्राप्त होगी और विपक्षियों को भी ज्ञात है कि पुनः ऐतिहासिक पराजय का वरण करना होगा। इसलिये चुनाव से पहले भी EVM, चुनाव आयुक्त की नियुक्ति आदि प्रकरण उठाते रहे हैं। भाजपा भी पूर्व से ही देश को बताती रही है कि इस बार भी विपक्ष “हार का ठीकरा” EVM पर ही ठोकेगा, भले ही सर्वोच्च न्यायालय ने क्यों न कह दिया हो को EVM पर प्रश्नचिह्न नहीं लगाया जा सकता।

कहर बरपाती हार की आग, अलापने लगे EVM राग

विपक्षी दलों ने पिछले सत्र में जो भी कार्य किये हैं उसका सहज परिणाम है लज्जाजनक हार मिलना। यद्यपि पहले से विपक्ष को भी पता है कि यही होने वाला है और एक परीक्षित कारण EVM का राग अलापना रहा है। दुर्भाग्य ये है कि इसके अतिरिक्त कोई और राग विपक्ष को मिल भी नहीं रहा है और इसी कारण भले ही सर्वोच्च न्यायालय ने क्यों न कहा हो कि चुनाव आयोग संवैधानिक संस्था है और विश्वास करना होगा। EVM व चुनाव आयोग की शाख को चोट नहीं पहुँचाया जा सकता लेकिन करें तो करें क्या लोकतंत्र है, लोकतंत्र में विपक्ष को भी कुछ अधिकार होते हैं सबसे बड़ा अधिक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता होती है।

विपक्ष ने भरपूर प्रयास किया कि कोई और राग सीखे किन्तु नहीं सीख पाये और सामने लज्जाजनक हार दिखने लगी तो फिर पुराना राग अलापने लगे कहते हैं न “लौट के बुद्धू घर को आये”

ये बात तो सत्तापक्ष भी समझ ही रही है कि कोई चारा ही नहीं है, अपनी गलती स्वीकारें इतनी नैतिकता भी नहीं है इसलिये उन्होंने पहले से ही कह रखा है कि फिर से EVM का ही रोना रोयेंगे और हुआ भी। जैसे ही देखी “कहर बरपाती हार की आग, अलापने लगे EVM राग”, विपक्ष की मानसिक स्थिति सर्वोच्च न्यायालय को भी समझना चाहिये।

EVM राग अलापने के लिये रोजगार

EVM पर ठीकरा फोड़ने के लिये ये आवश्यक है कि नये लोग ऐसा काम करें, जो लोग पीछे भी करते रहे हैं और सर्वोच्च न्यायालय से डांट सुनने के बाद भी किस मुंह से EVM-EVM करेंगे ! इसलिये “X” पर इस काम के लिये नये सदस्यों की भर्ती करने संबंधी घोषणा वायरल होने लगी है।

  • EVM को गा.ली देने के लिये भर्ती निकली है
  • आवेदन की अंतिम तिथि 4 जून समय सुबह 10 बजे तक है ,
  • इच्छुक अभ्यर्थी जल्दी आवेदन करे
  • आनलाइन पता नौट करे :- पप्पू पांडा दस लथपथ वाले 😜😜😂😂

जीतते तो नौकरी देते ये वादा कर रहे थे, लेकिन इससे अच्छा क्या हो सकता है कि हारने के बाद भी EVM राग अलापने के लिये नौकरी देंगे। आइये कुछ EVM राग को सुने :

“यूपी के जौनपुर में स्ट्रांग रूम के बाहर , EVM से भरा हुआ ट्रक लोगों ने पकड़ा”

यहां EVM ट्रक को लेकर हंगामा और उसकी सच्चाई दोनों तथ्यों से सम्बंधित सोशल मीडिया के तथ्य दिये गए हैं। सभी राजनीतिक दल रिजर्व EVM वाले इस तथ्य को भी जानते हैं, किन्तु हार दिख रहा है फिर करें तो क्या करें ? पहले के चुनावों में भी EVM ट्रक पकड़ने का हंगामा किया गया था। रिजर्व EVM मशीन स्टेपनी की तरह होता है, यदि EVM खराब हो तो रिजर्व EVM की व्यवस्था रहती है।

राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल एक अधिवक्ता भी हैं और अभी कुछ दिनों पहले उन्हें सर्वोच्च न्यायालय के बार एसोसिएशन का अध्यक्ष भी चुना गया है, उन्होंने EVM को लेकर एक वक्तव्य दिया है :

“बहुत से लोग कह रहे हैं कि इन मशीनों (ईवीएम) से छेड़छाड़ की जा सकती है। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि छेड़छाड़ की कोई संभावना न हो। हम न तो यह कह रहे हैं कि छेड़छाड़ की गई है और न ही यह कि छेड़छाड़ नहीं की गई है। किसी भी मशीन से छेड़छाड़ की जा सकती है”

हम भी ये नहीं कहते कि कपिल सिब्बल ने EVM को लेकर भ्रम फैलाने का प्रयास किया है, यद्यपि मीडिया यही बात लेकर उड़ रही है। कपिल सिब्बल का पूरा वक्तव्य लगभग 8 मिनट का है और वो इस वक्तव्य में कोई प्रश्न नहीं कर रहे हैं किन्तु सभी राजनीतिक दलों के लिये कुछ विशेष तथ्य बता रहे हैं।

  • लेकिन फिर भी “आदत बुरी बलाय” कही ही जाती है, EVM से चुनाव न हो इस बात को लेकर इन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में केस लड़ा है, भले ही पराजित क्यों न हो गये लेकिन ये तो देश को याद है की कपिल सिब्बल वो नेता हैं जो EVM से चुनाव का विरोध करते हैं।
  • दूसरी बात ये भी है कि “रंगा सियार बनकर प्रकट हुये हैं, किन्तु सियार जिस तरह से हुआ-हुआ करेगा ही उसी तरह इन्होंने इतना तो बोल ही दिया कि दुनियां में कोई ऐसी मशीन नहीं होती जिससे छेड़छाड़ न की जाय” और इसे लेकर यदि मीडिया उड़ गयी तो कोई अनर्थ नहीं हुआ, इनको देखकर जो सोचा जा सकता है वही मीडिया ने सोचा।
  • ऐसा क्यों नहीं माना जा सकता कि नये तरीके से EVM पर हार का ठीकरा फोड़ने का प्रयास किया गया है, पुराने क्रियाकलापों के आधार पर प्रथम संभावना यही बनती है।

EVM का राग मात्र कपिल सिब्बल ने ही नहीं अलापा है, दिग्विजय सिंह ने भी अलापा है, सपा और TMC भी अलापने लगी है।

वैसे इस चुनाव में हार का ठीकरा चुनाव आयोग पर भी फोड़ने का प्रयास किया जा रहा है और किया जायेगा। यह भी बार-बार बोला गया है कि यदि निष्पक्ष चुनाव होगा तो इंडी गठबंधन जीतेगा, अर्थात यदि भाजपा जीतती है तो निष्पक्ष चुनाव नहीं हुआ। राहुल गांधी की वाचालता और उससे होने वाली हानि को समझकर लोकसभा चुनाव 2024 में राहुल गांधी को मुख्य रूप से 2 ही विषयों के ऊपर मुंह खोलने के लिये कहा गया है :

  • पहला संविधान
  • दूसरा अग्निवीर

निष्कर्ष : भाजपा नेता पहले से ही यह कहते रहे हैं कि हार का ठीकरा EVM पर फोड़ेंगे। इसका अर्थ यही है कि जैसे ही EVM का राग विपक्षी नेताओं ने अलापना आरम्भ किया है उन्हें होने वाली हार दिखाई दे रही है।

चट्टे-बट्टे
चट्टे-बट्टे
स्वस्थ लोकतंत्र की अनिवार्य शर्त
अच्छा विपक्ष लोकतंत्र की अनिवार्य शर्त
खड़गे सटासट सटक ले
सबूत दो सबूत दो मांगे देश सबूत दो

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