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डर का माहौल है मगर किसे और क्यों है | congres manifesto

डर का माहौल है मगर किसे और क्यों है
डर का माहौल है मगर किसे और क्यों है


डर का माहौल है मगर किसे और क्यों है | congres manifesto

कांग्रेस के घोषणापत्र को विशेष रूप से समझने की आवश्यकता है, कोई भी राजनीतिक दल जो घोषणापत्र लाती है वो जनता के लिये ही लाती है कि वो क्या-क्या करेगी ? कांग्रेस के घोषणापत्र को लेकर विवाद भी उत्पन्न हुआ है। इस आलेख में हम कांग्रेस के घोषणापत्र के अनुसार कांग्रेस की जो सबसे बड़ी चिंता है उसके ऊपर चर्चा करेंगे। 

हमारी सबसे बड़ी चिंता ’डर, धमकी और नफरत का मौजूदा माहौल’ है।

ये कांग्रेस की सबसे बड़ी चिंता है जो उसके घोषणा पत्र में अंकित है और हम इस डर के माहौल को समझने का प्रयास करेंगे क्योंकि जो मतदाता प्रथम बार मतदान करेगा उसे एक बार को ये सही भी लग सकता है क्योंकि 2014 में उसकी आयु मात्र 8 – 9 वर्ष ही रही होगी और 2014 तक क्या होता था उसे ये ज्ञात ही नहीं होगा। 

  • यदि आज जब आतंकवादियों को पाकिस्तान में घुसकर मारा जाता है फिर भी डर का माहौल है तो तब क्या था जब आतंकवादियों के लिये सोनियां गाँधी आंसू बहाती थी ?
  • यदि आज डर का माहौल है तो तब क्या था जब कहीं भी धमाका होना आम बात थी ?
  • यदि आज डर का माहौल है तो तब क्या था जब मुख़्तार अंसारियों के मामले सुने भी नहीं जाते थे ?
  • यदि आज डर का माहौल है तो तब क्या था जब गरीब लोग खुलकर बोल भी नहीं सकते थे ? 
  • यदि आज डर का माहौल है तो तब क्या था जब अपहरण उद्योग हुआ करता था ?
  • यदि आज डर का माहौल है तो तब क्या था जब छोटे-बड़े हर शहरों में हप्ता वसूली होती थी ?
  • यदि आज डर का माहौल है तो तब क्या था जब कश्मीर से हिन्दुओं का पलायन हुआ था ?
  • यदि आज डर का माहौल है तो तब क्या था जब सांप्रदायिक एवं लक्ष्य केन्द्रित हिंसा निवारण अधिनियम लाया जा रहा था ?
  • यदि आज डर का माहौल है तो तब क्या था जब आतंकवादियों की सजा माफ कर दिया जाता था ?
  • यदि आज डर का माहौल है तो तब क्या था जब लोग शाम के बाद घर से नहीं निकलते थे ?
किन्तु कांग्रेस के घोषणापत्र में जो बात लिखी गई है वह पूर्णतः सही है हम ये कदापि नहीं कहते कि डर का माहौल नहीं है। कांग्रेस की घोषणापत्र में जो डर के माहौल की बात कही गयी है वह शत-प्रतिशत सही है; किन्तु :
  • पहले आतंकवादियों को डर नहीं होता था क्यों उनके लिये सोनियां गाँधी आंसू बहाती थी, रात के 2 बजे भी आतंकवादियों के लिये सर्वोच्च न्यायालय को खुलवाया जाता था, आज आतंकवादियों में डर का माहौल है क्योंकि अब घर में घुसकर मारा जाता है। 
  • पहले माफिया, बाहुबलियों को डर नहीं होता था, आज डर है। 
  • पहले भ्रष्टाचारियों को डर नहीं लगता था, आज लगता है। 
  • पहले उपद्रवी तत्वों, दंगाईयों को डर नहीं लगता था, आज लगता है। 

डर का माहौल तो है मगर ये डर आम जनता के लिये सही है, पहले आम जनता ही डरी-सहमी रहती थी आज आम जनता में डर नहीं है। 

धमकी किसने और किसे दिया ?

  • राहुल गाँधी ने कहा था देश में किरोसिन छिड़का हुआ है एक तीली जलाने …. आग लग  …., ये धमकी नहीं तो क्या था ? ये धमकी मोदी को नहीं देश को था। 
  • खडगे साहब ने भी खून-खराबा की धमकी दिया था, वो किसे दिया था मोदी को या देश को ?

dar ka mahaul hai
डर का माहौल है


और किसी के धमकी की बात हम नहीं करेंगे।  लेकिन इन दोनों के धमकी की बात करना तो आवश्यक  है क्योंकि एक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष हैं और दूसरे वर्तमान अध्यक्ष हैं। कांग्रेस के दो अध्यक्ष इस प्रकार से धमकी देकर देश को डराना चाहते हैं तो औरों की बात ही क्या करें ! 

इनके समर्थकों के तो ढेरों विडियो हैं जिसमें मोदी को मारने की धमकी दी जाती है और कांग्रेस अपने घोषणापत्र में उनके डरे होने की बात करती है। यदि आज वो डरा हुआ है तो अच्छा है। 

डराना, धमकाना, नफरत फैलाना तो कांग्रेस का ही काम रहा है। कभी राहुल गाँधी कहते हैं किरोसिन छिड़का हुआ है तो कभी खड़गे साहब खून-खराबा की बात करते हैं। देश के टुकड़े-टुकड़े करने के नारे लगाने वालों का संपर्क कांग्रेस व INDI गठबंधन से ही देखा जाता है। 

आतंकवादियों के लिये सोनियां गाँधी कभी रोई थी, आतंकवादियों की लड़ाई हमेशा कांग्रेसी अथवा समर्थक वकील ही लड़ते रहे हैं। कांग्रेसी नेता सत्ता पलटने के लिये पाकिस्तान से सहयोग लेने जाते हैं।

जो आतंकवाद विश्व के लिये सबसे बड़ा डर है, जो आतंकवादी प्रधानमंत्री को भी मारने की धमकी देते हैं, यदि 10 वर्षों से वो डरे हुये हैं, यदि उन्हें धमकी दी जाती है तो इसमें अनुचित क्या है। जनता यही चाहती है, देश यही चाहता है। 

लेकिन कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में उस डरे हुये लोगों का पक्ष लेकर लिखित रूप से ये सिद्ध कर दिया कि कांग्रेस का संबंध उसी गैंग के साथ है जिसके बारे में मोदीजी ने कहा मुस्लिम लीग का घोषणापत्र। 

निष्कर्ष : जो नये मतदाता पहली बार मतदान करने वाले होंगे उन्हें यह ज्ञात नहीं होगा कि कौन डरा हुआ है, डर सही है या गलत, क्यों डरा हुआ है ? किन्तु इस आलेख में उन्हें बहुत कुछ समझ आ जायेगा कि पहले कौन डरता था और आज कौन डरता है ?

West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee became unbalanced while boarding the helicopter – चोट पर वोट 


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