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गली का गुंडा बनती विपक्ष क्या अस्तित्व बचा पायेगी

विपक्ष गली का गुंडा बना

लोकसभा चुनाव से पहले भी विपक्षी नेताओं द्वारा ने कई बार (धमकीनुमा) वक्तव्य दिये जाते रहे हैं। आग लगना, खून की होली या खून-खराबा ऐसे शब्दों का प्रयोग देखा गया है जो स्पष्ट रूप से धमकी से ही सम्बंधित हैं। गली के गुंडे की तरह धमकी देने वाली विपक्ष जब लोकतंत्र बोलती है तो हंसी आती है। गली के गुंडे से डरने वाला लोकतंत्र नहीं है भारत में गुंडाराज समाप्त हो चुका है और गुंडागर्दी करने वाले को जनता ने सही स्थान पर पहुँचा दिया है।

गली का गुंडा बनती विपक्ष क्या अस्तित्व बचा पायेगी

पाकिस्तान के पास परमाणु बम है यह धमकी तो लोकसभा चुनाव के क्रम में सुनने को मिला। मतगणना से ठीक पूर्व सर पर कफन बांधने संबंधी वक्तव्य ही नहीं महाभारत करने तक के वक्तव्य सुने गये। इस प्रकार के वक्तव्यों और गतिविधियों से तो विपक्ष गली का गुंडा बन गयी है ऐसा लगता है और प्रश्न ये है कि गली का गुंडा बनती विपक्ष आगे क्या अस्तित्व बचा पायेगी ?

तीसरी बार मोदी प्रधानमंत्री बनने के संदर्भ में बार-बार एक वक्तव्य सुना गया है कि “लोकतंत्र समाप्त हो जायेगा”, अब इसका भी दूसरा अर्थ समझ में आने लगा है क्योंकि विपक्षियों ने सर पर कफन, महाभारत आदि करके दूसरा अर्थ भी समझा दिया है और दूसरे अर्थ में यह देश को धमकी थी : “यदि मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बना तो विपक्ष गुंडागर्दी करके लोकतंत्र को समाप्त कर देगी, बलपूर्वक सत्ता पर अधिकार कर लेगी” यह सीख पिछली बार अमेरिका में जो हुआ था उससे लिया गया है।

295 कहकर क्या बताया जा रहा है

अमेरिका में जो पिछले चुनाव में देखा गया था उसी सन्देश को ग्रहण करते हुये विपक्ष कोई ऐसी ही योजना बना रखी है क्या ? चुनाव परिणाम लगभग सभी समझ रहे हैं और इसी कड़ी में 295 का राग अलापा गया क्या ? दिल्ली को जो दो बार महीनों घेर कर रखा था वो इसी योजना का अंग था क्या ?

भाजपा ने स्पष्ट रूप से 295 को धारा 295 से जोड़ देखा है और सुरक्षा संस्थानों ने भी यही मानकर तैयारी किया होगा। धारा 295 से किसी वर्ग, धर्म आदि के विरुद्ध सुनियोजित अपराध का बोध होता है। अर्थात 295 कहकर सांकेतिक रूप से अपने लोगों को आगे क्या कैसे करना है यह बताया जा रहा है, पूरी योजना पूर्वनिर्धारित है ?

पप्पू यादव की धमकी

कल पप्पू यादव ने महाभारत करने की, सर पर कफन बांधने की बातें की गयी थी। क्या ये नहीं माना जायेगा कि 295 का जो सांकेतिक प्रयोग किया गया है उसी का प्रत्युत्तर देते हुये पप्पू यादव ने कहा कि हम तैयार हैं।

क्या इससे यह स्पष्ट नहीं हो रहा है कि विपक्षियों ने वास्तव में कोई गंभीर षड्यंत्र रचा है ?

चुनाव आयुक्त का सन्देश

कल चुनाव आयुक्त ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करके लगभग यही सन्देश दिया है कि कहीं न कहीं अशांति फैलाने की कोई योजना है और चुनाव आयोग हिंसा आदि की आशंका को लेकर सतर्क है व केंद्रीय सुरक्षा बल सतर्क है।

चुनाव आयुक्त द्वारा इस प्रकार से मतगणना से पूर्व प्रेस कॉन्फ्रेंस करना पहली बार देखा गया है। चुनाव आयुक्त का यह वक्तव्य स्वाभाविक तो नहीं है और विपक्ष को लताड़ने वाला है। इसमें ऐसा भी लगता है कि सरकार और सुरक्षा संस्थाओं ने चुनाव आयुक्त को वास्तविक स्थिति से अवगत कराया हो।

प्रधानमंत्री मोदी का संदेश

प्रधानमंत्री मोदी ने भी एक साक्षात्कार में कहा था विपक्ष का हौसला और हैसियत 4 जून तक है, 4 जून के बाद न तो हैसियत होगी न हौसला रहेगा, देश की ताकत रहेगी इसका संदेश भी महत्वपूर्ण है और यह स्पष्ट होता है कि प्रधानमंत्री मोदी को भी विपक्ष के षड्यंत्र की जानकारी थी और विपक्ष की धमकी का उत्तर देते हुये ही उन्होंने कहा कि न तो हैसियत बचेगी न हौसला, और यदि अशांति फैलाने का प्रयास किया जायेगा तो देश की ताकत अर्थात सुरक्षा बल रोकने के लिये तैयार रहेगी।

निष्कर्ष : कुल मिलाकर यह विचारणीय विषय है कि सत्ता पाने के लिये इस स्तर पर विपक्ष का चला जाना कि देश को, जनता को धमकी देंगे लेंगे चिंताजनक है। देशहित में सत्ता काम करे विपक्ष की ऐसी भूमिका होनी चाहिये या सत्ता पाने के लिये विपक्ष गली का गुंडा बन जायेगा। और यदि विपक्ष इसी प्रकार गुंडागर्दी करती रही तो जनता में आक्रोश उत्पन्न होगा या नहीं ? यदि जनता आक्रोशित हो गयी तो विपक्ष की क्या दुर्गति होगी ?

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